बारिश में भींगते हुए
पानी के संग खेलते हुए
बनाई है मैंने देखो
कितनी प्यारी
कागज की नावें
तैरती हैं छोटे से सागर में
सात समंदर पार
ये जाएंगी
मेरे लिए कुछ
सौगात लेकर आएंगी
कल्पना की मंजिल
कल्पना की मंजिल
की राह में जाएंगी
अज्ञात प्रेमिका का
पता ढूंढ लाएंगी
प्रेरणा बनकर ये मेरा
साथ निभाएंगी
रखूंगा सहेज कर मैं इन्हें
रखूंगा सहेज कर मैं इन्हें
ये मेरे भविष्य का
रास्ता दिखाएंगी...
(अगस्त 1985 )
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