Thursday 10 November 2016

एटीएम में 2000 के नोट डालने का विकल्प ही नहीं

एक एटीएम में 8 लाख के 100 वाले नोट आते हैं ...

देश में जो वर्तमान में बैंकों के एटीएम संचालित हैं उनमें फिलहाल 2000 रुपये के या फिर नए पांच सौ के नोट डालने की सुविधा नहीं है। दो हजार के नए नोट डालने के लिए एटीएम में हार्डवेयर और साफ्टवेयर के स्तर पर बदलाव लाना पड़ेगा। इसलिए सभी एटीएम में सिर्फ 100 रुपये के नोट  डाले जा रहे हैं। एक एटीएम में 100 रुपये के अधिकतम 8 लाख रुपये ही रखने की जगह होती है। अगर एक एटीएम में पूरी क्षमता पर भर नोट डाले जा रहे हैं तो अधिकतम 400 लोग ही 2000 रुपये तक निकाल सकते हैं। इसलिए एटीएम कुछ ही घंटे में खाली हो जा रहे हैं। चूंकि 500 और 1000 के नए नोट आए नहीं हैं और 2000 के नए नोट डालने का एटीएम में विकल्प ही नहीं है इसलिए आप लंबे वक्त तक आर्थिक मोर्चे पर परेशानी झेलने के लिए तैयार रहिए।
नए आए पांच सौ के नोट का आकार भी पुराने 500 के नोट से अलग है। यह आकार में छोटा है इसलिए इसके लिए भी एटीएम के कैसेट में बदलाव करना पड़ेगा। 

देश भर में दो लाख एटीएम

देश भर में कुल दो लाख एटीएम हैं। इन सभी एटीएम में तकनीकी बदलाव करने के लिए इंजीनियर को हर एटीएम तक जाना पड़ेगा। जाहिर है इसमें वक्त लगेगा।

एक बैंकिग विशेषज्ञ के मुताबिक देश में सभी बैंकों के लिए एटीएम बनाने का काम दो ही कंपनियां करती हैं एनसीआर और डायबोल्ड। किसी एटीएम में 2000 का नोट रखने के लिए इसमें नया कैसेट बनाना पडेगा, क्योंकि 2000 रुपये के नोट का आकार वर्तमान नोटों से अलग है। इसके लिए हर मशीन में हार्डवेयर के स्तर पर बदलाव लाना होगा। साथ ही मशीन 2000 रुपये का नोट उगले इसके लिए साफ्टवेयर भी बदलना पड़ेगा। इसके लिए बारी बारी से सभी एटीएम को बंद भी करना पड़ेगा। यानी आमजन की परेशानी इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाली है।


किसी भी बैंक के एटीएम के मुख्य सर्वर में सॉफ्टवेयर को परिवर्तित करने के बाद ही दो हजार के नोट जारी किए जा सकेंगे। भारतीय स्टेट बैंक का मुख्य सर्वर मुंबई में है। इसी प्रकार सभी बैंकों के अलग-अलग सर्वर हैं जो अलग अलग शहरों में लगे हैं। इन सभी के मुख्य सर्वर में साफ्टवेयर संबंधी जरूरी परिवर्तन करना होगा।

दो हजार के नोट पर पूर्व आईपीएस ध्रुव गुप्त लिखते हैं -  मैं दो हजार के नोट जारी करने के खिलाफ हूं। आम आदमी के लिए इस नोट की कोई उपयोगिता नहीं। छोटी-छोटी ख़रीद करने निकलो तो छुट्टा भी नहीं देगा कोई। लगता है कि यह नोट सिर्फ हराम की कमाई वालों,घूसखोरों और काला धन रखने वालों की सुविधा के लिए ही जारी किया गया है। पहले उनके जो नोट बोरों में आते थे, अब शायद अटैचियों में आ जाएंगे। मतलब काला धन का पहला अध्याय खत्म होने के पहले ही दूसरे अध्याय का श्रीगणेश।

-          विद्युत प्रकाश मौर्य  

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