Wednesday, 16 March 2011

गर्म है धर्म का बाजार -


याद किजिए रविवार को सुबह 10 बजे समय का जब दूरदर्शन पर रामायण धारावाहिक का प्रसारण होता था। मानो पूरा देश रूक जाता था एक घंटे के लिए। रामानंद सागर के रामायण ने टीवी को घर घर में लोकप्रिय बनाया इसके साथ ही टीवी पर धार्मिक कथानक वाले धारावाहिकों की शुरूआत हुई. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं आज की तारीख में सेटेलाइट चैनलों की फेहरिश्त में दर्जनों धार्मिक टीवी चैनल हैं। सेटेलाइट चैनलों के आने के साथ ही धर्म और धर्मगुरूओं को काफी जगह मिली है। टीवी पर धार्मिक कार्यक्रमों की बात करें तो इसकी शुरूआत का श्रेय रामायण जैसे धारावाहिक को जाता है। रामायण के बाद बीआर चोपड़ा के महाभारत ने भी लोकप्रियता के झंडे गाड़े। जहां रामायण और महाभारत के पात्र घर घर में लोकप्रिय हुए वहीं इन धारावाहिकों ने रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों की कहानी को आमलोगों के बीच काफी लोकप्रिय बनाया। बीआर चोपड़ा के धारावाहिक महाभारत का संवाद डाक्टर राही मासूम रजा जैसे साहित्यकार ने लिखा तो हरीश भिमानी की आवाज में मैं समय हूं...लोगों की मानस पटल पर आज भी गूंजता है। हालांकि रामायण और महाभारत के बाद रामानंद सागर का ही कृष्णा धीरज कुमार का ओम नमशिवाय जैसे दर्जनों धार्मिक धारावाहिक आए। हालांकि ये सभी धार्मिक धारावाहिक रामायण और महाभारत की तरह की लोकप्रिय नहीं हो सके लेकिन इन धारावाहिकों ने सेटेलाइट चैलनों की दौर में धर्म के लिए बाजार की नींव जरूर रखी। आज 400 से ज्यादा सेटेलाइट चैनलों की फेहरिस्त में दर्जन से ज्यादा धार्मिक चैनल हैं।

अगर के देश के पहले धार्मिक चैनल की बात करें तो इसका श्रेय आस्था को जाता है। आस्था ने धर्मगुरूओं के प्रवचन, धार्मिक स्थानों की यात्राएं और प्रमुख धार्मिक कार्यक्रमों को लाइव दिखाना आरंभ किया। गुजराती पृष्ठभूमि के व्यवसायी किरिट भाई मेहता ने आस्था चैनल को प्रयोग के तौर पर आरंभ किया। यह चैनल शुरूआत में इसी समूह के सहयोगी चैनल सीएमएम म्यूजिक के साथ 24 घंटे में 12 घंटे प्रसारित हुआ करता था। पर शीघ्र ही चैनल को मिली लोकप्रियता ने इसे 24 घंटे का डिजिटल धार्मिक चैनल बना दिया। चैलन की देशभर के दर्शकों में मांग थी लिहाजा इसे केबल आपरेटर प्रमुखता से दिखाते रहे।
इसके बाद इंदौर के समूह ने संस्कार नामक धार्मिक चैनल आरंभ किया। इस चैनल पर भी धर्म गुरूओं के प्रवचन के अलावा भजन और धार्मिक गीत संगीत के कार्यक्रम देखे जाते हैं। इसी दौर में भारतीय मूल के महान संत महर्षि महेश योगी ने महर्षि वैदिक विजन नामक फ्री टू एयर चैनल शुरू किया। हालांकि इस चैनल पर सिर्फ महर्षि महेश योगी से जुड़े हुए प्रवचन ही उपलब्ध थे लेकिन ये चैनल महर्षि महेश योगी के भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। लेकिन धार्मिक चैनल आस्था नई परिकल्पना लेकर आया। इसका किसी एक धर्म या धर्म गुरू से कोई संबंध नहीं है। बल्कि यह हिंदू धर्म के विभिन्न मतों संतों के प्रवचन नियमित सुनने को मिलते हैं। चाहें वह आसाराम बापू हों, मुरारी बापू हों, निरंकारी मिशन के स्वामी हों या फिर जैन मुनि हों। आस्था की कोशिश हर मत के लोगों को चैनल पर जगह देना रहा है। चैनल कई बार भगवती जागरण के लोकप्रिय गायकों को भी अच्छा मंच प्रदान कर रहा है।  
वैसे सभी प्रमुख मनोरंजन चैनल अपने मार्निंग बैंड में धर्म को प्रमुख स्थान देते हैं। सुबह के कुछ घंटे धर्मगुरूओं के प्रवचन के लिए निश्चित रहते हैं। सोनी चैनल पर लंबे समय तक सुबह सुबह आसाराम बापू का प्रवचन आता रहा। अब आसाराम बापू के शिष्यों ने भी एक चैनल एटूजेड शुरू कर दिया है। ये चैनल खास तौर पर आसाराम बापू के तमाम प्रवचनों को प्रमुखता से दिखाता है। इसी तरह आस्था चैनल को देश के बड़े योग गुरू बाबा राम देव के शिष्यों ने टेकओवर कर लिया है। पहले आस्था चैनल का संचालन सीएमएम लिमिडेट के पास था तो अब वैदिक ब्राडकास्टिंग लिमिटेड नामक संस्था इसका संचालन करती है। अब आस्था समूह के पास पांच धार्मिक चैनलों के लाइसेंस हैं। वहीं संस्कार टीवी समूह संस्कार के अलावा सत्संग टीवी की चैलन का भी प्रसारण करता है। यानी हर बड़ा धर्म गुरू या धार्मिक संगठन अपने भक्तों के बीच खुद को पहुंचाने के लिए किसी न किसी टीवी चैनल का सहारा लेना चाहता है। आजतक जैसे समाचार चैनल पर सुबह सुबह कृपालु महाराज का प्रवचन देखने को मिलता है। तो संत मोरारी बापू के हर प्रवचन को कोई न कोई धार्मिक चैनल लाइव दिखाता है। धर्मगुरूओं के सेटेलाइट चैनलों पर स्पेस मिलने के साथ ही वे ग्लोबल हो जाते हैं। क्योंकि दुनिया भर में फैले हुए भक्त उनके प्रवचन को लाइव देख सकते हैं। इससे न सिर्फ उनके भक्तों की संख्या में इजाफा होता है बल्कि धर्मगुरूओं का सम्राज्य भी बड़ा होता जा रहा है।
कई धार्मिक संगठनों ने तो महर्षि वैदिक विजन की तर्ज पर ही अपना स्वतंत्र सेटेलाइट चैनल भी शुरू कर दिया है। तो कई धार्मिक संगठनों ने किसी चैनल में अपने लिए टाइम स्लाट तय करा लिया है। जैसे अखिल विश्व गायत्री परिवार यानी शांतिकुंज हरिद्वार से जुड़े धार्मिक कार्यक्रम प्रज्ञा चैनल पर छह घंटे प्रसारित होते हैं। कई चैनलों ने भक्तों की मांग को देखते हुए एक्टिव दर्शन की शुरूआत की है। यानी घर बैठे माता वैष्णो देवी, काशी विश्वनाथ मंदिर या फिर तिरुपति तिरूमाला देवस्थानम आदि के दर्शन करने का लाभ टीवी  पर उठाएं। जिन धार्मिक संगठनों का बजट बहुत बड़ा है ऐसे सगंठन अपना स्वतंत्र टीवी लाने की भी योजना बना रहे हैं। आज प्रजापिता ब्रह्मकुमारी, साईं बाबा के भक्त, नारायण सेवा संस्थान जैसे तमाम धार्मिक संगठन अपना धार्मिक चैनल लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। जैन धर्म के अनुयायियों ने पारस चैनल शुरू किया तो जैन धर्म गुरूओं के प्रवचन को लेकर जिनवाणी और णमोकार जैसा चैनल भी शुरू हो चुका है। इतना ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में धार्मिक चैनलों का बाजार है। ईसाई धर्म के प्रचार के लिए गॉड टीवी जैसे कई चैनल आरंभ हो चुके हैं तो इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए भी टीवी चैनल अवतार ले चुके हैं।
धर्म के बाजार के अंदरुनी अर्थशास्त्र की बात करें तो ज्यादातर धार्मिक चैनल फायदे में हैं। सबसे पहली बात की धार्मिक चैनलों को दर्शक आसानी से मिल जाते हैं। जिस धर्म गुरू का प्रवचन जब चलता है तब उनके भक्त इन चैनलों को देखते हैं। साथ ही धार्मिक चैनलों के लिए साफ्टवेयर बनाने मे ज्यादा खर्च नहीं आता। ऐसे चैनलों पर या तो धर्म गुरूओं के प्रवचन या फिर किसी बड़े धार्मिक आयोजन का लाइव शो होता है। लेकिन इन सबके अलावा भी धार्मिक चैनलों की कमाई है। किसी नामचीन धर्म गुरू जिनके भक्तों की बड़ी संख्या का उनका प्रवचन को धार्मिक चैनल मुफ्त में दिखाते हैं वहीं ऐसे धर्म गुरू जिनके भक्तों की फेहरिस्त बड़ी नहीं है उन्हें किसी धार्मिक चैनल पर जगह पाने के लिए पैकेज डील करनी पड़ती है। यानी चैनल पर इच्छित टाइम स्लॉट पाने के लिए चैनल वाले बड़ी राशि वसूलते हैं। यानी टीवी पर धर्म का बाजार काफी गर्म है। आज तमाम धार्मिक चैनलों के पास अपने ओबी वैन हैं जिससे वे धार्मिक आयोजन का लाइव प्रसारण करते हैं। आज सेटेलाइट चैलनों के बाजार में 20 से ज्यादा धार्मिक चैनल हैं तो दर्जनों चैनल अभी बाजार में आने की तैयारी में लगे हुए हैं।       

प्रमुख धार्मिक चैनल

1.      आस्था
2.      आस्था भजन
3.      संस्कार
4.      सत्संग
5.      एमएच वन श्रद्धा
6.      जी जागरण
7.      प्रज्ञा
8.      साधना
9.      दिशा
10.  जीएनएन भक्ति
11.  कात्यायनी
12.  महर्षि वैदिक विजन
13.  गॉड टीवी
14.  जिनवाणी
15.  णमोकार
16.  पारस चैनल
17.  प्रार्थना टीवी
18.  भक्ति टीवी
19.  डे स्टार


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