Thursday, 30 April 2020

‘बॉबी’ का ‘राज’ चला गया...

तीन साल की फिल्म और टीवी रिपोर्टिंग के दौरान हालांकि ऋषि कपूर से कभी मिलने का मौका नहीं मिला, पर ऋषि कपूर की फिल्मों से एक भावनात्मक रिश्ता बनता था। जब मैंने फिल्म मेरा नाम जोकर देखी तब फिल्म में जैसा किशोर किरदार ऋषि के हिस्से में था उसी वय से तब मैं गुजर रहा था। हालांकि वह फिल्म राजकपूर की थी पर ऋषि ने उसमें राजकपूर के बचपन की भूमिका निभाई थी।

बाद में उन्हें परिवार की मतलब आरके बैनर की दूसरी फिल्म बॉबी में मौका मिला। बॉबी में वे राजदूत मोटरसाइकिल की छोटी बाइक मिनी राजदूत मतलब राजदूत जीटीएस चलाते नजर आते हैं। संयोग से मैंने भी बचपन में इसी बाइक पर सबसे पहले हाथ साफ किया था। बॉबी सुपर डुपर हिट रही। इसकी अभिनेत्री डिंपल कपाडिया ने बाद में राजेश खन्ना से विवाह किया। पर ऋषि कपूर की आगे जोड़ी बनी नीतू सिंह के साथ। बाद में नीतू सिंह उनकी जीवन संगिनी भी बनीं।

ऋषि कपूर की फिल्म कभी कभी और आरके फिल्म्स की प्रेम रोगी में यादगार भूमिकाएं थीं। अमिताभ बच्चन के साथ वे कुली में नजर आए। कुली का गीत लंबू लंबू जी हां बोलो टींगू जी में उन दोनो की केमिस्ट्री खूब नजर आई। तब उनके निधन पर अमिताभ बच्चन भावुक हो उठे। नब्बे के दशक में फिल्म चांदनी में उनका अभिनय यादगार था।
हालांकि ऋषि कपूर उन अभिनेताओं की फेहरिस्त में थे जिन्हे स्टार संस का साथ मिला। अभिनय उन्हें चांदी की कटोरी में रखकर मिली थी। पर एक समय में वे युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय चेहरा बन गए थे। हालांकि एक अभिनेता के तौर पर वे अपने पिता राजकपूर या चाचा शशि कपूर के सामने कहीं नहीं ठहरते। पर इस दुनिया से कूच करने के लिए 67 साल कोई उम्र होती है क्या... नहीं ना। ऋषि कपूर को भावभीनी श्रद्धांजलि।
( ऋषि कपूर - 4 सितंबर 1952 -- 30 अप्रैल 2020 ) 
-         --- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmai.com  
   ( RISHI KAPOOR, 30 APR 2020 ) 



Sunday, 26 April 2020

लॉकडाउन डायरी - शुरू हो गया दूसरा महीना... ((04 ))


एक महीने पूरे हो गए देश में बंदी के। देश ही क्या दुनिया के तमाम शहरों में बंदी है। कई जिलों में मामले बढ़ रहे हैं तो कुछ जिले कोरोना मुक्त भी हो रहे हैं।अब लॉकडाउन का दूसरा महीना शुरू हो गया है।  इस बीच सरकार कुछ कड़े आर्थिक फैसले ले रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जून 2021 तक बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। 

25 अप्रैल, शनिवार - 32वां दिन - आज से रमजान का महीना शुरू हो गया है। गाजियाबाद मेें सख्ती बढ़ाई जा रही है। अब दोपहर दो बजे के बाद दुकाने नहीं खुलेंगी। आज देेेश मेंं सबसे ज्यादा 57 लोगों की मौत हुई । बिहार मेें कई नए जिलों में केस बढ़़े़े हैं। अनादि की कक्षाएं अब जूम एप से अलग हटकर माइक्रोसाफ्ट टीम्स पर लग रही हैं। उसने बताया कि उसकी तीन कक्षाएं ही रोज हो पा रही हैं। ऑनलाइन क्लास में 30 में से 25 छात्र रोज ऑनलाइन मौजूद होते हैं।

26 अप्रैल रविवार , 33वां दिन : सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में छूट बढ़ाई है। वहां सारी दुकानें खोली जा सकती हैं। सिर्फ शॉपिंग मॉल को छोड़कर। रविवार को दोपहर में दिल्ली एनसीआर में आंधी आई तो बिहार में अच्छी बारिश हुई। प्रधानमंत्री मोदी मन की बात में अवतरित हुए। उन्होंने कहा, रमजान में पहले ज्यादा इबादत करें ताकि दुनिया ईद से पहले कोरोना मुक्त हो सके। आज देश भर में 47 लोगों की मौत हुई उसमें सर्वाधिक 18 अहमदाबाद शहर में लोगों ने दम तोड़ा।  लंबे समय बाद आज मैंने लिट्टी बनाकर खाया। पर चोखा नहीं बनाया। लिट्टी के साथ चटनी और घुघनी। 
27 अप्रैल, सोमवार,  34 वां दिन ः देश में कोरोना के सर्वाधिक मरीज महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में सामने आए हैं। इसमें मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल बड़े केंद्र बने हैं। आज देश में कुल 60 लोगों की मौत हुई जो अब तक एक दिन में सर्वाधिक है। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। 
28 अप्रैल, मंगलवार, 35 वां दिन- तीन मई की तारीख नजदीक आ रही है पर लॉकडाउन खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हो सकता है उन राज्यों में ढील मिले जहां मामले कम हैं। 
हमारे गृह जिले रोहतास में कोराना के मामले कई नई जगहों पर बढ़ गए हैं। शहर के बारादरी के बाद करपुरवा, अड्डा रोड, जक्की शहीद, गौरक्षिणी में संक्रमण मिला है। जिले के राजपुर बाजार, आलमपुर और कोचस में भी कोरोना के नए केस मिल गए हैं। यह दुखद है जिले के कस्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस का पहुंच गया है। रोहतास में केस की संख्या 30 से ज्यादा है। बिहार के 29 जिले में संक्रमण पहुंच गया है। 



29 अप्रैल, बुधवार - 36वां दिन - दिल्ली में हॉटस्पॉट की संख्या 100 हो गई है। बस राहत की बात है कि लोग ठीक भी हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में किसी की मौत भी नहीं हुई है, पर आज दो लोगों की मौत हो गई। देश में कुल मौत की संख्या 1000 के पार हो गई। देश भर में 71 मौत हुई जो अब तक का एक दिन में सर्वाधिक है। हमारे रोहतास जिले के कई गांवों तक संक्रमण पहुंच गया है। करगहर प्रखंड के बड़हरी गांव में एक छह साल का बच्चा संक्रमित मिला है। मतलब मेरे पुश्तैनी गांव के आसपास भी कोरोना का संक्रमण पहुंच चुका है। आज मेरा दफ्तर के काम से अवकाश था। सरकार अब अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, पर्यटकों और दूसरे लोगों को उनके घर पहुंचाने का इंतजाम कर रही है। लोगों को बसों से उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। 

हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता इरफान की 54 साल की उम्र में आज मृत्यु हो गई। वे कैंसर से पीड़ित थे। वे शानदार अभिनेता थे, उनके निधन से समाज के हर वर्ग के लोग दुखी हैं। पान सिंह तोमर, लाइफ ऑफ ए पाई, लंच बॉक्स जैसी तमाम फिल्मोें में उन्होंने शानदार अभिनय किया था। कल और आज में मैंने तीन फिल्में देखीं। यू ट्यूब पर। बेमिसाल, खामोशी और सफर। इन तीनों फिल्मों के कहानी बांग्ला के लोकप्रिय लेखक आशुतोष मुखर्जी की है। तीनो फिल्में कहानी और संगीत के स्तर पर उम्दा हैं। संयोग है कि तीनो फिल्मों की कहानी डॉक्टरों के इर्दगिर्द घूमती है। 
30 अप्रैल, गुरुवार, 37वां दिन - तीन मई के बाद सरकार ग्रीन जोन वाले इलाकों में थोड़ी छूट दे सकती है। देश में एक दिन पहले 71 तो आज 67 लोगों को कोरोना ने ग्रस लिया। रुस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन भी कोरोना ग्रस्त हो गए हैं। बिहार में सीतामढ़ी जिले में भी कोरना पहुंच गया है। रोहतास जिले में भी आज नए केस आए हैं। सरकार अलग अलग राज्यों में फंसे लोगों को लाने की तैयारी कर रही है। 
एक दिन पहले इरफान के बाद आज लोकप्रिय अभिनेता ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। दोनों ही कैंसर से पीड़ित थे। 
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com 

 ( LOCKDOWN DAYS, CORONA, COVID 19 ) 

Saturday, 25 April 2020

गुलमोहर एक बार फिर खिल उठे हैं ( कविता )


गुलमोहर एक बार फिर खिल उठे हैं
सड़क के दोनों तरफ
हरियाली अंगड़ाई ले रही है...

गुलमोहर के अनगिनत फूल
अप्रैल की दोपहरी को भी
बना रहे हैं मनभावन

पर इन सड़कों पर आज
तुम भी नहीं हो
और मैं भी नहीं

तुम और मैं ही क्या
कोई भी तो नहीं है
इन गुलमोहर  की छांव तले
चलने के लिए

एक अनजान भय
बनारस की सड़कें हुईं है सुनसान

पता है न तुम्हें
मौलश्री के पेड़ के नीचे की
शाम भी हो गई है सुनसान

मौसम तो आएगा
गुलमोहर भी यूं ही
हर साल खिलेंगे

पर क्या हम तुम
फिर कभी यूं ही
बेतकल्लुफ
होकर मिलेंगे....

-         - विद्युत प्रकाश मौर्य
 ( 25 अप्रैल 2020 ) 

Friday, 24 April 2020

घुमक्कड़ स्वामी और राहुल सांकृत्यायन


लॉकडाउन के दिनों में कुछ पढ़ने के लिए अलमारी खंगाली तो कई किताबें हाथ लगी उसमें राहुल सांकृत्यायन की भी तीन पुस्तकें थीं। इनमें से एक घुमक्कड़ स्वामी को मैं 2003 में ही पढ़ चुका था। पर इसे एक बार और पढ़ने की इच्छा हुई। यह स्वामी हरिशरणानंद की जीवनी है। पर यह जीवनी से ज्यादा कहीं यात्रा वृतांत है। पुस्तक में अदभुत घुमक्कड़ी है। पुस्तक का कथ्य आरंभ होता है कानपुर शहर से। लेखक कानपुर के इतिहास के बारे में कई तरह की जानकारियां देते हैं। ब्रिटिश काल में कानपुर के उत्कर्ष की कथा सुनाते हैं। पुस्तक का काल खंड 1908 से लेकर 1930 के बीच का है।

कुल 117 पृष्ठों की यह पुस्तक आपको लगातार सैर कराती रहती है। पर इस सैर के साथ इतिहास, परंपरा, संस्कृति और आयुर्वेद के ज्ञान से लगातार रुबरू कराती रहती है। स्वामी हरिशरणानंद योग की तलाश में और सच्चे तपस्वी की तलाश में लंबा भटकते हैं। इस दौरान वे साधु बनने के बाद पहले अयोध्या पहुंचते हैं। वहां से हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री, त्रियुगीनारायण, केदारनाथ, बदरीनाथ समेत पूरे उत्तराखंड की खाक छानते हैं। वे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर भी जाते हैं।
उनकी सच्चे योगी से मुलाकात तो नहीं होती है, पर इस दौरान कई साधु मित्र बनते हैं। वे अपना प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद का ज्ञान बढ़ाते हैं। बाद में वे हिमाचल प्रदेश में चंबा, भारमौर आदि स्थलों की यात्रा करते हैं। आगे वे लौहार और उसके आसपास के कई स्थलों में भी काफी वक्त गुजारते हैं। घुमक्कड़ स्वामी का काफी वक्त गुजरता है अमृतसर में। लंबे अनुभव के बाद वे वैद्य बन चुके हैं और यहां पर वे अपनी फार्मेसी की शुरुआत करते हैं। अपनी फार्मेसी से वे देश भर में काफी नाम भी अर्जित करते हैं। ऐसे युवा संन्यासी की कथा है घुमक्कड़ स्वामी। जो लोग यात्रा साहित्य में रुचि रखते हैं उनके लिए पठनीय पुस्तक है।
पुस्तक – घुमक्कड़ स्वामी, लेखक – राहुल सांकृत्यायन,  किताब महल
-         ---  विद्युत प्रकाश मौर्य



  

Monday, 20 April 2020

लॉकडाउन डायरी - शुरू हो गया दूसरा चरण ((03 ))


देश भर में लॉकडाउन का दूसरा चरण 16 अप्रैल से शुरू हो चुका है। हमारी कालोनी डीएलएफ दिलशाद में बीच चौराहे पर एक डीकांटामिनेशन टनेल लगाया गया है। कई लोग इससे होकर गुजर रहे हैं। अच्छी बात है कि कालोनी के लोग काफी अभी भी अनुशासित हैं। कई राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की हिमायत की थी। अब मुझे अकेले रहने की आदत सी पड़ने लगी है। 15 अप्रैल को मेरा अवकाश था। ऐसा कई दिन बाद हुआ कि मैं रात 12 बजे से सुबह 10 बजे तक सोता रहा। अच्छी नींद आई। वरना शुरुआत में रात को नींद नहीं आती थी।

कोरोना से बचने के लिए बार बार हाथ धोने और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है। बाजार में मिल रहे तमाम महंगे सेनेटाइजर का विकल्प है। पतंजलि का आयुर्वेदिक सेनेटाइजर, नीम, तुलसी एलोवेरा से बना, सिर्फ 55 रुपये में 120 एमएल....

16 अप्रैल, गुरुवार  23 वां दिन - आज कई दिनों बाद विवेक विश्वकर्मा से मुलाकात की, नीचे सड़क पर शाम को सब्जी खरीदने के दौरान। डीएलएफ कालोनी में अब हमारा कोई मित्र नहीं रहता। फूल लाल मौर्य और आरपी मौर्य कालोनी छोड़कर नई जगहों पर जा चुके हैं। मां और पिताजी के साथ भाई तड़ित से लंबी बातचीत हुई। इस लॉकडाउन में कई दोस्त जिनके बाल बढ़ रहे हैं खुद ही बाल काटना सीख रहे हैं। दिन में कर्ड राइस बनाकर खाया तो शाम को नास्ते में भेलपुरी खुद तैयार किया। 

17 अप्रैल, शुक्रवार, 24 वां दिन - पिछले दो दिन में देश में संक्रमण बढ़ने की गति में कमी आई है। कई चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी को लेकर जितना परेशान हुआ जा रहा है वास्तव में यह उतना खतरनाक नहीं है। देश में हर रोज अभी भी टीबी से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत होती है, जबकि टीबी का इलाज उपलब्ध है। कई लोग पूछ रहे हैं कि इन दिनों क्या बना रहे हो और क्या खा रहे हो तो कुछ खाने-पीने की तस्वीरें भी संजो रहा हूं। 

इस बार घर से लौटा था तो मां ने तीसी ( अलसी) की तिसौरी बनाकर दी थी। उसे भी तल कर खा रहा हूं। तो इस तिसौरी में मां का प्यार शामिल है। वैसे आजकल तीसी को सुपर फूड की संज्ञा दी जाने लगी है। हमारे गांव में बचपन में खेतों तीसी के नीले फूल खिलते थे। पर हमलोग इसे तब खाने में कोई खास महत्व नहीं देते थे। 
शुक्रवार 17 अप्रैल को कुछ सुखद खबरें हैं कि देश में रोज मरने वालों की संख्या घट रही है। आज 32 लोगों की जान गई। कुल संख्या हुई 452 वहीं अब कुल पीड़ितों में 13 फीसदी ठीक हो चुके हैं। आज बांसुरी वादक राजेंद्र प्रसन्ना जी से लंबे समय बाद बात हुई। उन्होंने बताया कि वे हर रोज दोपहर 12 बजे एक घंटे फेसबुक पर लाइव होकर बांसुरी बजाते हैं। इस समय हजारों लोग उन्हें सुनते हैं।

18 अप्रैल, शनिवार, 25 वां दिन - रात 12 बजे तारीख बदलते ही दिल्ली में जोरदार बारिश शुरू हो गई। बारिश से पहले आंधी भी आई। शाम को फिर दो बार बारिश हुई। कुछ इलाकों में ओले भी पड़े। सुबह की नींद एक फोन से खुली। कुदरा के पास तरहनी गांव से राम प्रवेश मामा का फोन आया। लंबी बात हुई। वे कह रहे थे इस लॉकडाउन में हम गांव के लोगो ंको ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा। अपने खेत की सब्जियां खा रहे हैं। गेहूं की कटाई भी चल रही है। 
हमारे पुराने साथी ओम प्रकाश तिवारी का मानना है कि कोरोना से लड़ने का रास्ता लॉकडाउन नहीं है। इसका मतलब तो दुश्मन से छिपकर घर में बैठ जाना है। जबकि जब दुश्मन हमला करे तो हमें युद्ध के मैदान में उतरना पड़ता है। 

बहुत दिनों बाद मुझे अपनी कालोनी में कौवा की कांव कांव सुनाई दी। वरना दिल्ली में तो तभी कौवा नजर ही नहीं आता था। लॉकडाउन में आसमान भी बिल्कुल साफ नजर आ रहा है। 

19 अप्रैल, रविवार - 26वां दिन -  देर रात हल्की बारिश और आंधी का माहोल बना रहा। आमतौर पर अप्रैल में ऐसा मौसम नहीं होता। सदभावना रेल यात्रा के दौरान 1993 में लंबे समय तक साथ रहे रामाकृष्णा ( बेंगलुरु) से बात हुई। वह बातें करते हुए बड़ा भावुक हो गया। शाम को सुरेश चाचा के बेटे सौम्य का पुणे से फोन आया। मेरे गांव से वह एक और युवक है जो पत्रकार बन गया है। वह पुणे के एक अंग्रेजी अखबार में काम करता है। आज रात फिर हल्की बारिश हुई। 
देश भर में कोराना से मरने वालों की संख्या 500के पार हो गई। वहीं 16 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन पर लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि ये बीमारी, जाति,धर्म, नस्ल देखकर हमला नहीं करती। पेरिस में पानी में भी कोरोना वायरस मिले हैं। हालांकि वह पेयजल सप्लाई का नेटवर्क नहीं है।

20 अप्रैल , सोमवार, 27वां दिन - अमेरिका में तो सारे स्कूल कॉलेज एक साल के लिए बंद कर दिए गए हैं।मेरे कॉलेज के दिनों के साथ अभय कुमार इन दिनों केनरा बैंक में वाशिंगटन डीसी शाखा में पदस्थापित हैं। उनसे रात को बात होती है, तब अमेरिका में कोरोना को लेकर व्याप्त भय के बारे में पता चलता है। इस बीच देश में अच्छी खबर है कि गोवा और मणिपुर जैसे राज्य संक्रमण मुक्त हो गए हैं।

21 अप्रैल, मंगलवार  28वां दिन - आज मैंने तय किया की रसोई में खाना नहीं बनाउंगा। बिना पकाए हुए भोजन पर रहूंगा। तो सत्तू पीया, फिर कुछ फल खाए और शाम को भेलपुरी बनाकर खाया। बनारस के पुराने साथी हेमंत कुशवाहा और प्रेमन कुमार मौर्य से बात हुई। आज देश में मरने वालों की संख्या 600 के पार हो गई। दिल्ली नोएडा और दिल्ली गाजियाबाद की सीमा पूरी तरह सील कर दी गई है। बिहार के रोहतास, बक्सर और भोजपुर जिले में भी कोरोना के नए केस निकल आए हैं। मुंबई में 53 पत्रकार भी संक्रमित हो गए हैं। वहीं तमिलनाडु में भी 20 से ज्यादा पत्रकारों को संक्रमण हुआ है। 

22 अप्रैल, बुधवार 29वां दिन - आज मेरा अवकाश नहीं है। कोरोना महामारी के कारण कच्चे तेल की वायदा बाजार मे ंअमेरिका में कीमत शून्य के नीचे चली गई है। जैसे हालात बन रहे हैं तीन मई के बाद देश में समान्य परिवहन के आसार नहीं लगते। लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो इसके लिए दिल्ली नोएडा, दिल्ली गाजियाबाद बार्डर अच्छी तरह सील कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर हमले रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान कर रही है। उधर अमेरिका कोरोना को लेकर चीन को धमकी दे रहा है। 
23 अप्रैल, गुरुवार - 30वां दिन - आज मैं अवकाश पर हूं। रोहतास जिले के बाद आज बिहार के कैमूर जिले में भी कोरोना के आठ संक्रमित मिले हैं। वे लोग चैनपुर के गांव में मिले हैं। देश में आज कुल 34 लोगों की मौत हुई। छुट्टी का दिन पाकिस्तानी तबला वादक ताफू खान का तबला सुनने और कुछ पुराने दोस्तों से संवाद करने में बीता। 
24 अप्रैल, शुक्रवार 31वां दिन- बड़ा सवाल कि कोरोना का संक्रमण कैसे फैलता है। अब तक से शोध के मुताबिक संक्रमण फैलने की सबसे ज्यादा संभावना तब है जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींके या खांसे और कोई अन्य शख्स उन नम बूंदों के संपर्क में आए। ऐसा 6 फीट की दूरी तक हो सकता है। यह संभव है कि आप किसी ऐसी वस्तु के संपर्क में आएं जहां किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी से नम बूंदें गिरी हों। ऐसे केस में वायरस से संक्रमण की संभावना पहले दस मिनट से  लेकर तकरीबन दो घंटे तक रहती है। मगर याद रखें वायरस को छू  लेने से यह आपकी बॉडी में नहीं जाता। यह तभी आपकी बॉडी में जाता है, जब उन्हीं हाथों से अपनी नाक, मुंह या आंखों को छूते हैं।  इंसानी शरीर के बाहर बहुत तेजी से मरने लगता है, क्योंकि उसे जिंदा रहने के लिए वाहक चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आज देश के ग्राम पंचायतों के सरपंचों को संबोधित किया। कल से रमजान का महीना शुरू हो रहा है। पर इस बार बाजार नहीं सजेंगे। कोरोना से आज देश में 37 लोगों की मौत हुई। आज में अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला। 

- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com  ( LOCKDOWN DAYS, CORONA, COVID 19 ) 


Saturday, 18 April 2020

कोरोना से ज्यादा जानलेवा हैं ये परंपरागत बीमारियां


आप कोरोना वायरस यानी कोविड 19 से होने वाले संक्रमण और मौत से इतने परेशान न हों। अपने देश में हर साल इन बीमारियों से होने वाली मौत पर भी जरा गौर फरमाएं फिर देखें कि कोरोना कितना बड़ा खतरा है...पर हम इन बीमारियों लेकर ज्यादा सावधान नहीं होते।

04 लाख से ज्यादा भारत में हर साल औसत टीबी से मौत, 2016 में 4.23 लाख। यानी हर महीने औसतन 35 हजार, हर रोज एक हजार से ज्यादा

08 लाख लोगों की मौत होती है कैंसर से अपने देश में, औसतन हर दिन 1300 लोगों की मौत कैंसर से होती है। हर साल 12 लाख नए मामले सामने आते हैं। हर साल 70 हजार महिलाएं तो स्तन कैंसर से मर जाती हैं। इसका बड़ा कारण हमारा गंदा खानपान है।

01 लाख से ज्यादा न्यूमोनिया से हर साल बच्चों की मौत होती है। 2018 में 1.27 लाख बच्चों की मौत हुई।

2.05 लाख लोगों की हर साल देश में मौत होती है मलेरिया बुखार से। द लंसेट की रिपोर्ट है ये। यानी 18 से 20 हजार लोग हर माह मलेरिया से मर जाते हैं।

1.61 लाख तक लोगों की हर मौत हो जाती है टायफायड से, जो दूषित पानी से फैलता है। ये विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है। टायफायड से पीडित मरीजों में से 20 से 25 फीसदी की मौत हो जाती है।

7.83 लाख लोगों की मौत देश में हर साल दूषित पानी और खराब साफ सफाई के कारण होती है। इसमें आंत्रशोथ, हैजा बड़ा घटक है जो बच्चों और बूढ़ों के लिए जानलेवा साबित होता है।

60 हजार लोगों की भारत में हर साल मौत होती है खाने में ट्रांसफैट लेने से होने वाले हृदय रोग से । यानी हर माह पांच हजार लोग गंदे खान के आदत से मर जाते हैं। ( मतलब वनस्पति तेल, नकली मक्खन, मैदे के बने हलवाई उत्पाद, बेकरी उत्पाद का सेवन करना )

अब जरा इधर भी गौर फरमाइए

1.5 लाख लोगों की मौत होती है हर साल देश में होने वाले पांच लाख सड़क हादसों में। यानी हर महीने 12 हजार मौत सड़क हादसे में। ये जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी में दी थी।

तो इसका मतलब की कोविड 19 उतना खतरनाक नहीं है, जितना कि ये पुरानी बीमारियां। आप सावधान रहें, बचाव अच्छी बात है पर सिर्फ कोराना से ही नहीं उन तमाम बीमारियों को लेकर जागरूक रहें, जो आपकी अलग-अलग तरह की गलतियों से फैलती है।

-         विद्युत प्रकाश मौर्य – vidyutp@gmail.com

Tuesday, 14 April 2020

लॉकडाउन डायरी- एक सौ तीस करोड़ लोगों को घर में बंद किया (( 02 ))

लॉकडाउन के दौरान मेरे घर की छत से यूं दिखाई दे रहा आसमान 

कोरोना से जंग के बीच 25 मार्च से देश में लॉकडाउन की शुरुआत हुई। इससे पहले पंजाब समेत कई राज्य अपने यहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा चुके हैं। वहां सिर्फ सुबह 6 से 9 बजे तक जरूरी चीजों की आपूर्ति के  लिए बाजार खुलता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र यानी 130 करोड़ आबादी वाले देश में बंदी की शुरुआत हो चुकी है। ऐसी बंदी जो एक अदृश्य वायरस से फैलने वाले बीमारी से लड़ने के लिए है। 

25 मार्च, पहला दिन  - आज से दफ्तर नहीं जाना है। हिन्दुस्तान हिंदी दैनिक में वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत हो रही है। हमने अपनी कॉलोनी के केबल वाले से आग्रह करके ब्राडबैंड कनेक्शन लगवा लिया है। हालांकि ज्यादा दबाव के कारण वह पूरी गति से नहीं चल पा रहा है। हमारी कॉलोनी में लोग अनुशासन से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। देश भर में पैसेंजर ट्रेन, मेट्रो ट्रेन आदि का परिचालन 14 अप्रैल तक के लिए बंद हो चुका है।


26 मार्च, दूसरा दिन सरकार ने शहर और गांव के गरीबों के लिए कुछ राहतों का ऐलान किया। इस बीच देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 16 हुई जबकि 600 से ज्यादा संक्रमित हैं। प्रसार की गति धीमी है। हमें आशावादी रहना चाहिए। गांव में चाचा से बात हुई। लॉकडाउन में उन लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं है।

27 मार्च,  तीसरा दिन दिल्ली समेत महानगरो से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन जारी है। ये लोग पैदल ही अपने घरों को चल पड़े हैं। दिल्ली के यूपी गेट पर रात को भारी भीड़ जमा हो गई। बिहार सूचना केंद्र ने बिहार के लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 

 28 मार्च, चौथा दिन -आनंद विहार और यूपी गेट पर दस हजार से ज्यादा लोग इकट्ठे हो गए। बिहार और यूपी जाने वाले लोग। एक किलोमीटर के करीब लंबी लाइन लग गई। हालांकि दिल्ली सरकार कह रही है कि दैनिक वेतन वाले मजदूर पलायन न करें उनके रहने के लिए यहां स्कूल और रैन बसेरे खोले जा रहे हैं। हमारे साथ मनोज कुमार बोस बता रहे हैं कि शाहजहांपुर, लखनऊ सीमा पर दिल्ली, पंजाब आदि स्थानों से पैदल चलते हुए लोग अपने घर जाने के लिए पहुंच रहे हैं। 

29 मार्च - पांचवां दिन -  दिल्ली बार्डर से बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के मजदूरों को बसों में भरकर उनके जिले में भेजा गया। पर इसमें खतरा भी है। सरकार ने सभी राज्यों की सीमा सील करने का आदेश दिया। दिल्ली के सभी स्कूल श्रमिकों के रहने के लिए खोल दिए गए हैं। वहां उनके खाने का भी इंतजाम है। रात में 1978 की फिल्म किनारा देखी, जिसका गीत नाम गुम जाएगा... लोकप्रिय हुआ था। 

30 मार्च - छठा दिन - दिल्ली के निजामुदद्दीन में तबलीगी जमात के दफ्तर से 24 कोरोना के संदिग्ध अस्पताल में भर्ती कराए गए। रोज देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। मैं दिन में रोज अपने विश्वविद्यालय के दिनों के कुछ पुराने दोस्तों से बात करने की कोशिश कर रहा हूं। आज दिग्विजय नाथ सिंह और चकफतह (वैशाली) में पिता जी के बैंक के मित्र सुशील कुमार सिन्हा जी से बात की। 

31 मार्च - सातवां दिन -  मैं कई दिन से अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला हूं। देर रात गए धर्मेंद्र की एक पुरानी फिल्म यूट्यूब पर देखता हूं। के स्कूल ने मोबाइल एप पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी है। अनादि दसवीं कक्षा में चले गए हैं। सरकार सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। शहरों को सेनेटाइज करने पर काम हो रहा है। आज शाम को दिल्ली में फिर बारिश हुई। दिन में कानपुर वाले एसपी अग्निहोत्री जी बातें हुई वे हमें केदारनाथ यात्रा के दौरान मिले थे।  

एक अप्रैल, आठवां दिन: आज देश में 400 से ज्यादा मामले सामने आए. मेरे कई मित्र आशावादी हैं,  कह रहे हम ये जंग जीत लेंगे। बाजार में सब्जियां सस्ती हो गई हैं। अनादि के स्कूल ने मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं लगानी शुरू कर दी है। 

दो अप्रैल, नौवां दिन: दफ्तर के काम से आज अवकाश,  खाना बनाना,  सफाई और पुरानी फिल्म कटी पतंग देखी। कालोनी में राशन दुकानें सिर्फ सुबह शाम खुल रही हैं। मैं रोज कुछ पुराने दोस्तों से बातें कर रहा हूं। कन्हौली के स्कूली दोस्त ब्रजेंद्र पप्पू से बात हुई। वे अपने गांव के घर में प्रवास कर रहे हैं। रात में देवानंद की हम दोनों फिल्म देखी। 

तीन अप्रैल 10वां दिन - सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री ने 10 मिनट का वीडियो संदेश जारी किया। आज कई दिनों बाद मेरे दरवाजे पर अखबार (टाइम्स ऑफ इंडिया) आया हुआ था। वैसे 23 तारीख से ही अखबार के वितरण में बाधा आ रही है। रेलगाड़ियों में 15 अप्रैल और उसके आगे का आरक्षण हो रहा है। पर पता नहीं 15 अप्रैल से रेलों का संचालन शुरू होगा या नहीं। बीएचयू को दोस्त परमेश्वर से बात हुई वे सासाराम के पास अपने गांव में पहुंचे हुए हैं। आशुतोष पाठक से भी बात हुई वे अपने गांव हैदरनगर (पलामू) में अपने परिवार के साथ हैं।
चार अप्रैल  11 दिन : सुबह 11 बजे सोकर उठा । संयोग आज अखबार दरवाजे पर था। खबरों पर नजर डालने के बाद फिर पुराने दोस्तों से बात की। मार्च की 19 तारीख से ही टीवी नहीं खोला। किताबें पढ़ रहा हूं या फिर वेबसाइट पर अपनी पसंद की खबरें देखता हूँ ।  रात को खाने में मटर पनीर बनाया। 

5 अप्रैल 12वां दिन :  दीप से दीप जले - आज प्रधान मंत्री ने रात नौ बजे नौ मिनट दीया जलाने को कहा है । देश भर केलोगों ने ऐसा किया भी। पर कुछ अति उत्साही लोग पटाखे चलाने लगे। हमारी कालोनी में भी लोग नहीं माने। हां लोगों ने इस दौरान घर के अंदर की बत्तियां जरूर बंद की। आज कई दिन बाद रात को लंबी नींद ले पाया। देर रात को काम खत्म करने बाद यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत सुनता हूं। खास तौर पर सामता प्रसाद ( गोदई महाराज ) किशन महाराज, अहमद जान थिरकवा, अल्लारखा खान और उस्ताद जाकिर हुसैन के तबला परफारमेंस के वीडियो। 

06 अप्रैल - 13वां दिन - कोराना से देश में मृतकों की संख्या 100 पार कर गई। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 4000 को पार कर गई। कई राज्यों की स्थित आशाजनक है। जैसे छत्तीसगढ़ में 10 केस मिले थे, जिसमें से लगभग सभी ठीक हो गए। दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में अभी ज्यादा संक्रमित लोग हैं। तीस अप्रैल को गैस सिलेंडर बुक किया था जो आज डिलेवर हुआ।

07 अप्रैल 14वां दिन - इस लॉकडाउन में हमारे दो निकटम लोगों की सेवाएं जारी है। पत्नी माधवी के बड़े भाई पटना में प्याज का कारोबार करते हैं। वहीं जालंधर के मेरे मित्र डिंपी सचदेवा सब्जियों के आढती हैं। दोनों का कारोबार जरूरी सेवाओं में आता है। तीन  दिन बाद फ्लैट से बाहर निकल कर गया। हमारी कालोनी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। पार्क के गेट पर पुराने साथ तारकेश्वर गिरी से मुलाकात हुई। गिरी भाई चिंतित हैं कि इस लॉकडाउन का असर रोजी रोजगार पर आने वाले दिनों में काफी गहरा पड़ने वाला है।
तीन दिन बाद मां से बात हुई। मां पिता जी सासाराम में हैं। पत्नी बेटे पटना में। जबकि हवाई रेल सेवा और बस सेवा बंद है, इन सब लोगों की दूरी बहुत ज्यादा लगती है। 

08 अप्रैल 15वां दिन - दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले बढ़े हैं। मैं आज दफ्तर के काम से अवकाश पर हूं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के कई हॉटस्पाट को सील कर दिया गया है। इसमें गाजियाबाद के भी कुछ इलाके शामिल हैं। दिन में अफवाह उड़ी अगले कुछ दिन कुछ खाने पीने को नहीं मिलेगा। पर ऐसा नहीं है। दिन में मामाजी के बेटे वीरेंद्र से बात हुई। मेरे भरत मामा 21 मार्च को दिल्ली आकर यहीं फंस गए हैं। 

इन दिनों देर रात यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत के वीडियो देखने लगा हूं। इसमें बड़ा सुकून मिलता है। खास तौर पर तबला के वीडियो। बनारस घराने के सामता प्रसाद (गोदई महाराज) पंडित किशन महाराज, अहमदजान थिरकवा जैसे दिवंगत तबलावादकों के वीडियो देख डाले। कहरवा, तीन ताल और तबले से निकलती कई चमत्कारिक धुनें। उस्ताद जाकिर हुसैन के कई वीडियो, उनके साथ पंडित शिवकुमार शर्मा की संतूर पर जुगलबंदी। 


पर तबले की तलाश में मैं पाकिस्तान के तबला वादक उस्ताद तारी खान तक पहुंच गया। वे जाकिर हुसैन के हम उम्र है। दो दशक से कैलफोर्निया में रहते हैं। वे कमाल के तबला वादक हैं। तबले पर कई किस्म के चमत्कार करते हैं। जब वे कहरवा को कई शैली में बजाते हैं तो उन्हे सुनकर आनंद आ जाता है। कई लोग उनको जाकिर हुसैन के टक्कर का तो कई उनसे भी बेहतर तबलावादक मानते हैं। तारी खान गजल गायक गुलाम अली, शास्त्रीय साधक सलामत अली खां के साथ संगत कर चुके हैं। वे पाकिस्तान से पंजाब घराने से आते हैं। वे रबाबी मुस्लिम परिवार के हैं। कभी उनके पुरखे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में वाद्य यंत्र बजाते थे।  

09 अप्रैल 16 वां दिन:  गाजियाबाद , नोएडा के जो इलाके पूरी तरह सील हुए हैं वहां के लोगों परेशानी बढ़ी है। हमारे आसपास में ऑक्सी होम्स, शालीमार गार्डन का बी ब्लाक सील किया गया है। आज मैंने पुराने अलबम की तमाम तस्वीरें  देखीं। नास्ते में दही चूड़ा खाया। दोपहर में आलू बैंगन, सोयाबीन की सब्जी बनाई। 

10 अप्रैल 17वां दिन ः देश में कोरोना से एक दिन मे 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली में ज्यादा मामले बढ़े हैं। इसी बीच कुछ अच्छी खबरें भी आ रही हैं। कुछ राज्यों में संक्रमण कम भी हो रहा है। 

11 अप्रैल 18वां दिन - उम्मीद है कि देश व्यापी लॉकडाउन इस महीने के आखिर तक चला जाएगा। पंजाब, ओडिशा समेत कई राज्यों ने 30 अप्रैल तक बढ़ा ही दिया है। आज डॉक्टर सरिता फुआ से बात हुई। वे मेरे गांव के भुवनेश्वर दादा की बेटी हैं। शिक्षिका के तौर पर रिटायर होने के बाद डेहरी ओनसोन में रहती हैं। उनके भाई पुणे से सुरेश चाचा का भी फोन आया। गांव से जुड़े इन दोनों लोगों से पहली बार बात हुई। तीन दिन बाद फ्लैट से बाहर गया, कुछ सब्जियां और पतजंलि स्टोर से कुछ राशन लेकर वापस आ गया। 

12 अप्रैल , 19वां दिन - खाली समय में पुराने फोटो अलबम देखते हुए वक्त कट रहा है। बहुत सालों बाद चंदेश्वर भैया ( गरभे) से बात हुई। वे बौद्ध भिक्षु बन गए हैं। उनके दो बेटे फरीदाबाद में रहते हैं। देश में आज कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई। दिल्ली और आसपास में शाम को 5.45 बजे भूकंप के झटके भी आए। 
13 अप्रैल , 20 वां दिन - वैसे तो आज वैशाखी है, पर इस त्योहार को लेकर कोई उत्साह नहीं है। दिल्ली में आज सुबह भी भूकंप के झटके आए। कल मेष संक्रांति होगी, तब कुछ प्राकृतिक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। आज देश भर में 53 लोगों की मौत हुई कोरोना से जो अब तक सबसे ज्यादा है। पीड़ित लोगों की संख्या 9000 पार कर गई है। बीएचयू के पुराने सीनियर अजय सिंह ( द्वाराका, दिल्ली) से बात हुई। 

14 अप्रैल , 21 वां दिन -   सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया। लॉकडाउन बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। इस दौरान और सख्ती की जाएगी। रेलगाड़ियां और हवाई जहाज परिवहन आदि भी तीन मई तक बंद रहेंगे। आज मुंबई के बांद्रा जंक्शन में हजारों श्रमिक अचानक स्टेशन पर पहुंच गए और खुद को घर पहुंचवाने की मांग करने लगे। कल की तुलना में देश में आज कोरोना से कम लोगों की मौत हुई। सरकारी आंकड़े में 29 मौत की बात कही गई। 

15 अप्रैल, बुधवार 22वां दिन -  आज मेरा साप्ताहिक अवकाश है। तो ज्यादा समय खाना बनाने में नहीं गुजारा, बल्कि अपनी अलमारी से उन किताबों की तलाश में जो मुझे पढनी है। अलमारी में 20 से ज्यादा ऐसी किताबें पड़ी हैं जिन्हे मैंने नहीं पढ़ा अभी तक। कल दीवान सराय शहरनामा -2 पढ़कर खत्म की। राहुल सांकृत्यायन की कुछ किताबें भी अलमारी में मिलीं। शाम को सब्जी लाने के लिए थोड़ी देर के लिए नीेचे उतरा। 
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com 
 ( INDIA LOCKDOWN, CORONA PERIOD, COVID 19 ) 

Sunday, 12 April 2020

कोरोना के बाद दुनिया (( कविता ))

कैसी होगी कोरोना के बाद दुनिया
क्या फिर हरिद्वार की हर की पौड़ी
पर संध्या आरती में जुटेगी
हजारों श्रद्धालुओं की भीड़
क्या वाराणसी के दसाश्वमेध घाट पर
फिर मां गंगा आरती में गूंजेंगे
घंटे और घड़ियाल

क्या फिर अजमेरशरीफ की दरगाह पर
गुलाबों की खुशबू के बीच
हजारों जायरीनों के जमावड़े में
मनाया जाएगा उर्स
क्या महाकुंभ में एक बार फिर
दिखाई देगा
लाखों मानवों के महासमुद्र सा नजारा

क्या पंढरपुर की वारी में
फिर अंतहीन पंक्ति में चलते हुए
लाखों श्रद्धालु  बिठोबा की नगरी की ओर
प्रस्थान करते हुए नजर आएंगे
शिरडी में साईं के दरबार में
गुरुवार की दोपहर को पहुंचेगे फिर
श्रद्धा सबूरी की आस लिए
लाखों आस्थावान

क्या तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए
विशाल हॉल में नजर आएगा
हजारों लोगों का रेला

कोरोना की इन दहशत भरे दिन के बाद
आखिर कितनी बदल जाएगी दुनिया
अदृश्य भय के बीच
बंद दरवाजों के पीछे दुबका है इंसान
सड़के सूनी
गलियां नहीं गुलजार अब
क्या एक बार फिर उसी तरह
लगेंगे जिंदगी मेले...

जैसे बेतकल्लुफ होकर बाबा अमरनाथ
केदारनाथ और माता वैष्णोदेवी की यात्राओं में
चलता था श्रद्धालुओं का रेला

क्या एक बार फिर रसूखदार राजनेता की
शहजादी की शादी में
दावत उड़ाने आएगा पूरा शहर।

क्या एक बार फिर
ढेर सारी उम्मीद पाल कर
बड़े राजनेता की रैली में
भाषण सुनने पहुंच जाएगी
गांव से चलकर पहुंच जाएगी लाखों जनता।

----विद्युत प्रकाश मौर्य - (13 अप्रैल 2020 )