भारतीय
जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई। वास्तव में यह श्यामा प्रसाद
मुखर्जी द्वारा 1951 में
स्थापित भारतीय जन संघ से निकली हुई नई पार्टी थी। 1977 में
आपातकाल के बाद जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हो गया था।
पुराने जनसंघ से नई पार्टी
सन
1980 के शुरुआत में हिंदुवादी विचारों वाले पुराने जनसंघ के नेताओं अटल बिहारी,
वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी भैरो सिंह शेखावत आदि ने जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय
जनता पार्टी का गठन किया। पार्टी ने गांधीवादी समाजवाद को स्वीकार किया और इसका
चुनाव चिन्ह तय हुआ कमल का फूल। पार्टी के मुख पत्र का नाम कमल संदेश है।
वाजपेयी पहले अध्यक्ष
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दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी
18
करोड़ प्राथमिक सदस्यों के साथ आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है।
बड़ी होती गई जीत
02
लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की भाजपा ने सन 1984 के लोकसभा चुनाव में। यह पार्टी का
पहला लोकसभा चुनाव था।
85
सांसद जीतकर पहुंचे भाजपा के 1989 के चुनाव में। इस बार भाजपा वीपी सिंह की अगुवाई
में बने राष्ट्रीय मोर्चा को बाहर से समर्थन दे रही थी।
119
सीटों पर जीत हासिल कर पार्टी 1991 में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में आ गई। इसी
साल पार्टी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में अपनी
सरकारें बनाई।
1996 लोकसभा
चुनाव में भाजपा 163 सीट
जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में देश में
बीजेपी की सरकार बनी, हालांकि
बहुमत नहीं होने की वजह से 13 दिनों
में सकार गिर गई।
1998 के
चुनाव में बार फिर से 182 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। वाजपेयी
दोबारा से देश के प्रधानमंत्री बने, हालांकि पूर्ण बहुमत नहीं होने की वजह से एक बार
फिर सरकार गिर गई
1999
के चुनाव में भाजपा ने आम चुनाव घटक दलों के सहयोग से जीता, अटल बिहारी वाजपेयी के
नेतृत्व में सरकार बनी और पांच साल तक सरकार चली।
2004
और 2004 के चुनाव में पार्टी सत्ता में नहीं आ सकी।
282
सीटों पर जीत हासिल की पार्टी ने साल 2014 के चुनाव में और नरेंद्र मोदी की अगुवाई
में सरकार बनी।
305
सीटें जीतकर भाजपा ने 2019 में एक बार फिर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लोकतांत्रिक
देश में सरकार बनाई। नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले
गैर कांग्रेसी नेता बने।
राम मंदिर आंदोलन और भाजपा
1989
में भाजपा ने देश भर में अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर आंदोलन शुरू
किया। लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में 1990 में सोमनाथ से अयोध्या के लिए देशव्यापी
रथयात्रा निकाली गई। इससे भाजपा का वोट
बैंक बढ़ा। 1993 से 1998 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के अध्यक्ष रहे। उनके
कार्यकाल में पार्टी का व्यापक जनाधार बढ़ा।
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