Sunday, 12 April 2020

कोरोना के बाद दुनिया (( कविता ))

कैसी होगी कोरोना के बाद दुनिया
क्या फिर हरिद्वार की हर की पौड़ी
पर संध्या आरती में जुटेगी
हजारों श्रद्धालुओं की भीड़
क्या वाराणसी के दसाश्वमेध घाट पर
फिर मां गंगा आरती में गूंजेंगे
घंटे और घड़ियाल

क्या फिर अजमेरशरीफ की दरगाह पर
गुलाबों की खुशबू के बीच
हजारों जायरीनों के जमावड़े में
मनाया जाएगा उर्स
क्या महाकुंभ में एक बार फिर
दिखाई देगा
लाखों मानवों के महासमुद्र सा नजारा

क्या पंढरपुर की वारी में
फिर अंतहीन पंक्ति में चलते हुए
लाखों श्रद्धालु  बिठोबा की नगरी की ओर
प्रस्थान करते हुए नजर आएंगे
शिरडी में साईं के दरबार में
गुरुवार की दोपहर को पहुंचेगे फिर
श्रद्धा सबूरी की आस लिए
लाखों आस्थावान

क्या तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए
विशाल हॉल में नजर आएगा
हजारों लोगों का रेला

कोरोना की इन दहशत भरे दिन के बाद
आखिर कितनी बदल जाएगी दुनिया
अदृश्य भय के बीच
बंद दरवाजों के पीछे दुबका है इंसान
सड़के सूनी
गलियां नहीं गुलजार अब
क्या एक बार फिर उसी तरह
लगेंगे जिंदगी मेले...

जैसे बेतकल्लुफ होकर बाबा अमरनाथ
केदारनाथ और माता वैष्णोदेवी की यात्राओं में
चलता था श्रद्धालुओं का रेला

क्या एक बार फिर रसूखदार राजनेता की
शहजादी की शादी में
दावत उड़ाने आएगा पूरा शहर।

क्या एक बार फिर
ढेर सारी उम्मीद पाल कर
बड़े राजनेता की रैली में
भाषण सुनने पहुंच जाएगी
गांव से चलकर पहुंच जाएगी लाखों जनता।

----विद्युत प्रकाश मौर्य - (13 अप्रैल 2020 )

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