Saturday, 18 April 2020

कोरोना से ज्यादा जानलेवा हैं ये परंपरागत बीमारियां


आप कोरोना वायरस यानी कोविड 19 से होने वाले संक्रमण और मौत से इतने परेशान न हों। अपने देश में हर साल इन बीमारियों से होने वाली मौत पर भी जरा गौर फरमाएं फिर देखें कि कोरोना कितना बड़ा खतरा है...पर हम इन बीमारियों लेकर ज्यादा सावधान नहीं होते।

04 लाख से ज्यादा भारत में हर साल औसत टीबी से मौत, 2016 में 4.23 लाख। यानी हर महीने औसतन 35 हजार, हर रोज एक हजार से ज्यादा

08 लाख लोगों की मौत होती है कैंसर से अपने देश में, औसतन हर दिन 1300 लोगों की मौत कैंसर से होती है। हर साल 12 लाख नए मामले सामने आते हैं। हर साल 70 हजार महिलाएं तो स्तन कैंसर से मर जाती हैं। इसका बड़ा कारण हमारा गंदा खानपान है।

01 लाख से ज्यादा न्यूमोनिया से हर साल बच्चों की मौत होती है। 2018 में 1.27 लाख बच्चों की मौत हुई।

2.05 लाख लोगों की हर साल देश में मौत होती है मलेरिया बुखार से। द लंसेट की रिपोर्ट है ये। यानी 18 से 20 हजार लोग हर माह मलेरिया से मर जाते हैं।

1.61 लाख तक लोगों की हर मौत हो जाती है टायफायड से, जो दूषित पानी से फैलता है। ये विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है। टायफायड से पीडित मरीजों में से 20 से 25 फीसदी की मौत हो जाती है।

7.83 लाख लोगों की मौत देश में हर साल दूषित पानी और खराब साफ सफाई के कारण होती है। इसमें आंत्रशोथ, हैजा बड़ा घटक है जो बच्चों और बूढ़ों के लिए जानलेवा साबित होता है।

60 हजार लोगों की भारत में हर साल मौत होती है खाने में ट्रांसफैट लेने से होने वाले हृदय रोग से । यानी हर माह पांच हजार लोग गंदे खान के आदत से मर जाते हैं। ( मतलब वनस्पति तेल, नकली मक्खन, मैदे के बने हलवाई उत्पाद, बेकरी उत्पाद का सेवन करना )

अब जरा इधर भी गौर फरमाइए

1.5 लाख लोगों की मौत होती है हर साल देश में होने वाले पांच लाख सड़क हादसों में। यानी हर महीने 12 हजार मौत सड़क हादसे में। ये जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी में दी थी।

तो इसका मतलब की कोविड 19 उतना खतरनाक नहीं है, जितना कि ये पुरानी बीमारियां। आप सावधान रहें, बचाव अच्छी बात है पर सिर्फ कोराना से ही नहीं उन तमाम बीमारियों को लेकर जागरूक रहें, जो आपकी अलग-अलग तरह की गलतियों से फैलती है।

-         विद्युत प्रकाश मौर्य – vidyutp@gmail.com

3 comments:

संगीता पुरी said...

कोरोना की संक्रामकता इसे पूरे विश्व मे भयावह बना रही है..... बहुत तेजी से अपने आसपास वालों को गिरफ्त मे लेता है......

Unknown said...

बहुत ही डिटेल में जानकारी दी इसके लिए तहे दिल से शुक्रिया आभार व्यक्त करता हूं।सब सही है लेकिन हमारे मानव समाज लालच व पाखंड में जिने के आदि है ये नहीं सुधरेंगे इनको श्राप है। कलयुग में लोग कभी नहीं सुधरेंगे।
रोहित कुमार पाटिल

Dr dinbandhu said...

सुन्दर विश्लेषण