लॉकडाउन के दौरान मेरे घर की छत से यूं दिखाई दे रहा आसमान |
कोरोना से जंग के बीच 25 मार्च से देश में लॉकडाउन की शुरुआत हुई। इससे पहले पंजाब समेत कई राज्य अपने यहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा चुके हैं। वहां सिर्फ सुबह 6 से 9 बजे तक जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए बाजार खुलता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र यानी 130 करोड़ आबादी वाले देश में बंदी की शुरुआत हो चुकी है। ऐसी बंदी जो एक अदृश्य वायरस से फैलने वाले बीमारी से लड़ने के लिए है।
25 मार्च, पहला दिन - आज से दफ्तर नहीं जाना है। हिन्दुस्तान हिंदी दैनिक में वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत हो रही है। हमने अपनी कॉलोनी के केबल वाले से आग्रह करके ब्राडबैंड कनेक्शन लगवा लिया है। हालांकि ज्यादा दबाव के कारण वह पूरी गति से नहीं चल पा रहा है। हमारी कॉलोनी में लोग अनुशासन से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। देश भर में पैसेंजर ट्रेन, मेट्रो ट्रेन आदि का परिचालन 14 अप्रैल तक के लिए बंद हो चुका है।
26 मार्च, दूसरा दिन - सरकार ने शहर और गांव के गरीबों के लिए कुछ राहतों का ऐलान किया। इस बीच देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 16 हुई जबकि 600 से ज्यादा संक्रमित हैं। प्रसार की गति धीमी है। हमें आशावादी रहना चाहिए। गांव में चाचा से बात हुई। लॉकडाउन में उन लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं है।
27 मार्च, तीसरा दिन - दिल्ली समेत महानगरो से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन जारी है। ये लोग पैदल ही अपने घरों को चल पड़े हैं। दिल्ली के यूपी गेट पर रात को भारी भीड़ जमा हो गई। बिहार सूचना केंद्र ने बिहार के लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
28 मार्च, चौथा दिन -- आनंद विहार और यूपी गेट पर दस हजार से ज्यादा लोग इकट्ठे हो गए। बिहार और यूपी जाने वाले लोग। एक किलोमीटर के करीब लंबी लाइन लग गई। हालांकि दिल्ली सरकार कह रही है कि दैनिक वेतन वाले मजदूर पलायन न करें उनके रहने के लिए यहां स्कूल और रैन बसेरे खोले जा रहे हैं। हमारे साथ मनोज कुमार बोस बता रहे हैं कि शाहजहांपुर, लखनऊ सीमा पर दिल्ली, पंजाब आदि स्थानों से पैदल चलते हुए लोग अपने घर जाने के लिए पहुंच रहे हैं।
29 मार्च - पांचवां दिन - दिल्ली बार्डर से बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के मजदूरों को बसों में भरकर उनके जिले में भेजा गया। पर इसमें खतरा भी है। सरकार ने सभी राज्यों की सीमा सील करने का आदेश दिया। दिल्ली के सभी स्कूल श्रमिकों के रहने के लिए खोल दिए गए हैं। वहां उनके खाने का भी इंतजाम है। रात में 1978 की फिल्म किनारा देखी, जिसका गीत नाम गुम जाएगा... लोकप्रिय हुआ था।
30 मार्च - छठा दिन - दिल्ली के निजामुदद्दीन में तबलीगी जमात के दफ्तर से 24 कोरोना के संदिग्ध अस्पताल में भर्ती कराए गए। रोज देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। मैं दिन में रोज अपने विश्वविद्यालय के दिनों के कुछ पुराने दोस्तों से बात करने की कोशिश कर रहा हूं। आज दिग्विजय नाथ सिंह और चकफतह (वैशाली) में पिता जी के बैंक के मित्र सुशील कुमार सिन्हा जी से बात की।
31 मार्च - सातवां दिन - मैं कई दिन से अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला हूं। देर रात गए धर्मेंद्र की एक पुरानी फिल्म यूट्यूब पर देखता हूं। के स्कूल ने मोबाइल एप पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी है। अनादि दसवीं कक्षा में चले गए हैं। सरकार सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। शहरों को सेनेटाइज करने पर काम हो रहा है। आज शाम को दिल्ली में फिर बारिश हुई। दिन में कानपुर वाले एसपी अग्निहोत्री जी बातें हुई वे हमें केदारनाथ यात्रा के दौरान मिले थे।
एक अप्रैल, आठवां दिन: आज देश में 400 से ज्यादा मामले सामने आए. मेरे कई मित्र आशावादी हैं, कह रहे हम ये जंग जीत लेंगे। बाजार में सब्जियां सस्ती हो गई हैं। अनादि के स्कूल ने मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं लगानी शुरू कर दी है।
दो अप्रैल, नौवां दिन: दफ्तर के काम से आज अवकाश, खाना बनाना, सफाई और पुरानी फिल्म कटी पतंग देखी। कालोनी में राशन दुकानें सिर्फ सुबह शाम खुल रही हैं। मैं रोज कुछ पुराने दोस्तों से बातें कर रहा हूं। कन्हौली के स्कूली दोस्त ब्रजेंद्र पप्पू से बात हुई। वे अपने गांव के घर में प्रवास कर रहे हैं। रात में देवानंद की हम दोनों फिल्म देखी।
तीन अप्रैल 10वां दिन - सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री ने 10 मिनट का वीडियो संदेश जारी किया। आज कई दिनों बाद मेरे दरवाजे पर अखबार (टाइम्स ऑफ इंडिया) आया हुआ था। वैसे 23 तारीख से ही अखबार के वितरण में बाधा आ रही है। रेलगाड़ियों में 15 अप्रैल और उसके आगे का आरक्षण हो रहा है। पर पता नहीं 15 अप्रैल से रेलों का संचालन शुरू होगा या नहीं। बीएचयू को दोस्त परमेश्वर से बात हुई वे सासाराम के पास अपने गांव में पहुंचे हुए हैं। आशुतोष पाठक से भी बात हुई वे अपने गांव हैदरनगर (पलामू) में अपने परिवार के साथ हैं।
चार अप्रैल 11 दिन : सुबह 11 बजे सोकर उठा । संयोग आज अखबार दरवाजे पर था। खबरों पर नजर डालने के बाद फिर पुराने दोस्तों से बात की। मार्च की 19 तारीख से ही टीवी नहीं खोला। किताबें पढ़ रहा हूं या फिर वेबसाइट पर अपनी पसंद की खबरें देखता हूँ । रात को खाने में मटर पनीर बनाया।
5 अप्रैल 12वां दिन : दीप से दीप जले - आज प्रधान मंत्री ने रात नौ बजे नौ मिनट दीया जलाने को कहा है । देश भर केलोगों ने ऐसा किया भी। पर कुछ अति उत्साही लोग पटाखे चलाने लगे। हमारी कालोनी में भी लोग नहीं माने। हां लोगों ने इस दौरान घर के अंदर की बत्तियां जरूर बंद की। आज कई दिन बाद रात को लंबी नींद ले पाया। देर रात को काम खत्म करने बाद यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत सुनता हूं। खास तौर पर सामता प्रसाद ( गोदई महाराज ) किशन महाराज, अहमद जान थिरकवा, अल्लारखा खान और उस्ताद जाकिर हुसैन के तबला परफारमेंस के वीडियो।
06 अप्रैल - 13वां दिन - कोराना से देश में मृतकों की संख्या 100 पार कर गई। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 4000 को पार कर गई। कई राज्यों की स्थित आशाजनक है। जैसे छत्तीसगढ़ में 10 केस मिले थे, जिसमें से लगभग सभी ठीक हो गए। दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में अभी ज्यादा संक्रमित लोग हैं। तीस अप्रैल को गैस सिलेंडर बुक किया था जो आज डिलेवर हुआ।
07 अप्रैल 14वां दिन - इस लॉकडाउन में हमारे दो निकटम लोगों की सेवाएं जारी है। पत्नी माधवी के बड़े भाई पटना में प्याज का कारोबार करते हैं। वहीं जालंधर के मेरे मित्र डिंपी सचदेवा सब्जियों के आढती हैं। दोनों का कारोबार जरूरी सेवाओं में आता है। तीन दिन बाद फ्लैट से बाहर निकल कर गया। हमारी कालोनी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। पार्क के गेट पर पुराने साथ तारकेश्वर गिरी से मुलाकात हुई। गिरी भाई चिंतित हैं कि इस लॉकडाउन का असर रोजी रोजगार पर आने वाले दिनों में काफी गहरा पड़ने वाला है।
तीन दिन बाद मां से बात हुई। मां पिता जी सासाराम में हैं। पत्नी बेटे पटना में। जबकि हवाई रेल सेवा और बस सेवा बंद है, इन सब लोगों की दूरी बहुत ज्यादा लगती है।
08 अप्रैल 15वां दिन - दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले बढ़े हैं। मैं आज दफ्तर के काम से अवकाश पर हूं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के कई हॉटस्पाट को सील कर दिया गया है। इसमें गाजियाबाद के भी कुछ इलाके शामिल हैं। दिन में अफवाह उड़ी अगले कुछ दिन कुछ खाने पीने को नहीं मिलेगा। पर ऐसा नहीं है। दिन में मामाजी के बेटे वीरेंद्र से बात हुई। मेरे भरत मामा 21 मार्च को दिल्ली आकर यहीं फंस गए हैं।
इन दिनों देर रात यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत के वीडियो देखने लगा हूं। इसमें बड़ा सुकून मिलता है। खास तौर पर तबला के वीडियो। बनारस घराने के सामता प्रसाद (गोदई महाराज) पंडित किशन महाराज, अहमदजान थिरकवा जैसे दिवंगत तबलावादकों के वीडियो देख डाले। कहरवा, तीन ताल और तबले से निकलती कई चमत्कारिक धुनें। उस्ताद जाकिर हुसैन के कई वीडियो, उनके साथ पंडित शिवकुमार शर्मा की संतूर पर जुगलबंदी।
पर तबले की तलाश में मैं पाकिस्तान के तबला वादक उस्ताद तारी खान तक पहुंच गया। वे जाकिर हुसैन के हम उम्र है। दो दशक से कैलफोर्निया में रहते हैं। वे कमाल के तबला वादक हैं। तबले पर कई किस्म के चमत्कार करते हैं। जब वे कहरवा को कई शैली में बजाते हैं तो उन्हे सुनकर आनंद आ जाता है। कई लोग उनको जाकिर हुसैन के टक्कर का तो कई उनसे भी बेहतर तबलावादक मानते हैं। तारी खान गजल गायक गुलाम अली, शास्त्रीय साधक सलामत अली खां के साथ संगत कर चुके हैं। वे पाकिस्तान से पंजाब घराने से आते हैं। वे रबाबी मुस्लिम परिवार के हैं। कभी उनके पुरखे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में वाद्य यंत्र बजाते थे।
11 अप्रैल 18वां दिन - उम्मीद है कि देश व्यापी लॉकडाउन इस महीने के आखिर तक चला जाएगा। पंजाब, ओडिशा समेत कई राज्यों ने 30 अप्रैल तक बढ़ा ही दिया है। आज डॉक्टर सरिता फुआ से बात हुई। वे मेरे गांव के भुवनेश्वर दादा की बेटी हैं। शिक्षिका के तौर पर रिटायर होने के बाद डेहरी ओनसोन में रहती हैं। उनके भाई पुणे से सुरेश चाचा का भी फोन आया। गांव से जुड़े इन दोनों लोगों से पहली बार बात हुई। तीन दिन बाद फ्लैट से बाहर गया, कुछ सब्जियां और पतजंलि स्टोर से कुछ राशन लेकर वापस आ गया।
12 अप्रैल , 19वां दिन - खाली समय में पुराने फोटो अलबम देखते हुए वक्त कट रहा है। बहुत सालों बाद चंदेश्वर भैया ( गरभे) से बात हुई। वे बौद्ध भिक्षु बन गए हैं। उनके दो बेटे फरीदाबाद में रहते हैं। देश में आज कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई। दिल्ली और आसपास में शाम को 5.45 बजे भूकंप के झटके भी आए।
14 अप्रैल , 21 वां दिन - सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया। लॉकडाउन बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। इस दौरान और सख्ती की जाएगी। रेलगाड़ियां और हवाई जहाज परिवहन आदि भी तीन मई तक बंद रहेंगे। आज मुंबई के बांद्रा जंक्शन में हजारों श्रमिक अचानक स्टेशन पर पहुंच गए और खुद को घर पहुंचवाने की मांग करने लगे। कल की तुलना में देश में आज कोरोना से कम लोगों की मौत हुई। सरकारी आंकड़े में 29 मौत की बात कही गई।
( INDIA LOCKDOWN, CORONA PERIOD, COVID 19 )
27 मार्च, तीसरा दिन - दिल्ली समेत महानगरो से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन जारी है। ये लोग पैदल ही अपने घरों को चल पड़े हैं। दिल्ली के यूपी गेट पर रात को भारी भीड़ जमा हो गई। बिहार सूचना केंद्र ने बिहार के लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
28 मार्च, चौथा दिन -- आनंद विहार और यूपी गेट पर दस हजार से ज्यादा लोग इकट्ठे हो गए। बिहार और यूपी जाने वाले लोग। एक किलोमीटर के करीब लंबी लाइन लग गई। हालांकि दिल्ली सरकार कह रही है कि दैनिक वेतन वाले मजदूर पलायन न करें उनके रहने के लिए यहां स्कूल और रैन बसेरे खोले जा रहे हैं। हमारे साथ मनोज कुमार बोस बता रहे हैं कि शाहजहांपुर, लखनऊ सीमा पर दिल्ली, पंजाब आदि स्थानों से पैदल चलते हुए लोग अपने घर जाने के लिए पहुंच रहे हैं।
29 मार्च - पांचवां दिन - दिल्ली बार्डर से बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के मजदूरों को बसों में भरकर उनके जिले में भेजा गया। पर इसमें खतरा भी है। सरकार ने सभी राज्यों की सीमा सील करने का आदेश दिया। दिल्ली के सभी स्कूल श्रमिकों के रहने के लिए खोल दिए गए हैं। वहां उनके खाने का भी इंतजाम है। रात में 1978 की फिल्म किनारा देखी, जिसका गीत नाम गुम जाएगा... लोकप्रिय हुआ था।
30 मार्च - छठा दिन - दिल्ली के निजामुदद्दीन में तबलीगी जमात के दफ्तर से 24 कोरोना के संदिग्ध अस्पताल में भर्ती कराए गए। रोज देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। मैं दिन में रोज अपने विश्वविद्यालय के दिनों के कुछ पुराने दोस्तों से बात करने की कोशिश कर रहा हूं। आज दिग्विजय नाथ सिंह और चकफतह (वैशाली) में पिता जी के बैंक के मित्र सुशील कुमार सिन्हा जी से बात की।
31 मार्च - सातवां दिन - मैं कई दिन से अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला हूं। देर रात गए धर्मेंद्र की एक पुरानी फिल्म यूट्यूब पर देखता हूं। के स्कूल ने मोबाइल एप पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी है। अनादि दसवीं कक्षा में चले गए हैं। सरकार सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। शहरों को सेनेटाइज करने पर काम हो रहा है। आज शाम को दिल्ली में फिर बारिश हुई। दिन में कानपुर वाले एसपी अग्निहोत्री जी बातें हुई वे हमें केदारनाथ यात्रा के दौरान मिले थे।
एक अप्रैल, आठवां दिन: आज देश में 400 से ज्यादा मामले सामने आए. मेरे कई मित्र आशावादी हैं, कह रहे हम ये जंग जीत लेंगे। बाजार में सब्जियां सस्ती हो गई हैं। अनादि के स्कूल ने मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं लगानी शुरू कर दी है।
दो अप्रैल, नौवां दिन: दफ्तर के काम से आज अवकाश, खाना बनाना, सफाई और पुरानी फिल्म कटी पतंग देखी। कालोनी में राशन दुकानें सिर्फ सुबह शाम खुल रही हैं। मैं रोज कुछ पुराने दोस्तों से बातें कर रहा हूं। कन्हौली के स्कूली दोस्त ब्रजेंद्र पप्पू से बात हुई। वे अपने गांव के घर में प्रवास कर रहे हैं। रात में देवानंद की हम दोनों फिल्म देखी।
तीन अप्रैल 10वां दिन - सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री ने 10 मिनट का वीडियो संदेश जारी किया। आज कई दिनों बाद मेरे दरवाजे पर अखबार (टाइम्स ऑफ इंडिया) आया हुआ था। वैसे 23 तारीख से ही अखबार के वितरण में बाधा आ रही है। रेलगाड़ियों में 15 अप्रैल और उसके आगे का आरक्षण हो रहा है। पर पता नहीं 15 अप्रैल से रेलों का संचालन शुरू होगा या नहीं। बीएचयू को दोस्त परमेश्वर से बात हुई वे सासाराम के पास अपने गांव में पहुंचे हुए हैं। आशुतोष पाठक से भी बात हुई वे अपने गांव हैदरनगर (पलामू) में अपने परिवार के साथ हैं।
चार अप्रैल 11 दिन : सुबह 11 बजे सोकर उठा । संयोग आज अखबार दरवाजे पर था। खबरों पर नजर डालने के बाद फिर पुराने दोस्तों से बात की। मार्च की 19 तारीख से ही टीवी नहीं खोला। किताबें पढ़ रहा हूं या फिर वेबसाइट पर अपनी पसंद की खबरें देखता हूँ । रात को खाने में मटर पनीर बनाया।
5 अप्रैल 12वां दिन : दीप से दीप जले - आज प्रधान मंत्री ने रात नौ बजे नौ मिनट दीया जलाने को कहा है । देश भर केलोगों ने ऐसा किया भी। पर कुछ अति उत्साही लोग पटाखे चलाने लगे। हमारी कालोनी में भी लोग नहीं माने। हां लोगों ने इस दौरान घर के अंदर की बत्तियां जरूर बंद की। आज कई दिन बाद रात को लंबी नींद ले पाया। देर रात को काम खत्म करने बाद यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत सुनता हूं। खास तौर पर सामता प्रसाद ( गोदई महाराज ) किशन महाराज, अहमद जान थिरकवा, अल्लारखा खान और उस्ताद जाकिर हुसैन के तबला परफारमेंस के वीडियो।
06 अप्रैल - 13वां दिन - कोराना से देश में मृतकों की संख्या 100 पार कर गई। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 4000 को पार कर गई। कई राज्यों की स्थित आशाजनक है। जैसे छत्तीसगढ़ में 10 केस मिले थे, जिसमें से लगभग सभी ठीक हो गए। दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में अभी ज्यादा संक्रमित लोग हैं। तीस अप्रैल को गैस सिलेंडर बुक किया था जो आज डिलेवर हुआ।
07 अप्रैल 14वां दिन - इस लॉकडाउन में हमारे दो निकटम लोगों की सेवाएं जारी है। पत्नी माधवी के बड़े भाई पटना में प्याज का कारोबार करते हैं। वहीं जालंधर के मेरे मित्र डिंपी सचदेवा सब्जियों के आढती हैं। दोनों का कारोबार जरूरी सेवाओं में आता है। तीन दिन बाद फ्लैट से बाहर निकल कर गया। हमारी कालोनी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। पार्क के गेट पर पुराने साथ तारकेश्वर गिरी से मुलाकात हुई। गिरी भाई चिंतित हैं कि इस लॉकडाउन का असर रोजी रोजगार पर आने वाले दिनों में काफी गहरा पड़ने वाला है।
तीन दिन बाद मां से बात हुई। मां पिता जी सासाराम में हैं। पत्नी बेटे पटना में। जबकि हवाई रेल सेवा और बस सेवा बंद है, इन सब लोगों की दूरी बहुत ज्यादा लगती है।
08 अप्रैल 15वां दिन - दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले बढ़े हैं। मैं आज दफ्तर के काम से अवकाश पर हूं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के कई हॉटस्पाट को सील कर दिया गया है। इसमें गाजियाबाद के भी कुछ इलाके शामिल हैं। दिन में अफवाह उड़ी अगले कुछ दिन कुछ खाने पीने को नहीं मिलेगा। पर ऐसा नहीं है। दिन में मामाजी के बेटे वीरेंद्र से बात हुई। मेरे भरत मामा 21 मार्च को दिल्ली आकर यहीं फंस गए हैं।
इन दिनों देर रात यूट्यूब पर शास्त्रीय संगीत के वीडियो देखने लगा हूं। इसमें बड़ा सुकून मिलता है। खास तौर पर तबला के वीडियो। बनारस घराने के सामता प्रसाद (गोदई महाराज) पंडित किशन महाराज, अहमदजान थिरकवा जैसे दिवंगत तबलावादकों के वीडियो देख डाले। कहरवा, तीन ताल और तबले से निकलती कई चमत्कारिक धुनें। उस्ताद जाकिर हुसैन के कई वीडियो, उनके साथ पंडित शिवकुमार शर्मा की संतूर पर जुगलबंदी।
पर तबले की तलाश में मैं पाकिस्तान के तबला वादक उस्ताद तारी खान तक पहुंच गया। वे जाकिर हुसैन के हम उम्र है। दो दशक से कैलफोर्निया में रहते हैं। वे कमाल के तबला वादक हैं। तबले पर कई किस्म के चमत्कार करते हैं। जब वे कहरवा को कई शैली में बजाते हैं तो उन्हे सुनकर आनंद आ जाता है। कई लोग उनको जाकिर हुसैन के टक्कर का तो कई उनसे भी बेहतर तबलावादक मानते हैं। तारी खान गजल गायक गुलाम अली, शास्त्रीय साधक सलामत अली खां के साथ संगत कर चुके हैं। वे पाकिस्तान से पंजाब घराने से आते हैं। वे रबाबी मुस्लिम परिवार के हैं। कभी उनके पुरखे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में वाद्य यंत्र बजाते थे।
09 अप्रैल 16 वां दिन: गाजियाबाद , नोएडा के
जो इलाके पूरी तरह सील हुए हैं वहां के लोगों परेशानी बढ़ी है। हमारे आसपास में ऑक्सी होम्स, शालीमार गार्डन का बी ब्लाक सील किया गया है। आज मैंने पुराने
अलबम की तमाम तस्वीरें देखीं।
नास्ते में दही चूड़ा खाया। दोपहर में आलू बैंगन, सोयाबीन की
सब्जी बनाई।
10 अप्रैल 17वां
दिन ः देश में
कोरोना से एक दिन मे 30 से ज्यादा
लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र,
तमिलनाडु, दिल्ली में ज्यादा मामले बढ़े
हैं। इसी बीच कुछ अच्छी खबरें भी आ रही हैं। कुछ राज्यों में संक्रमण कम भी हो रहा
है।
11 अप्रैल 18वां दिन - उम्मीद है कि देश व्यापी लॉकडाउन इस महीने के आखिर तक चला जाएगा। पंजाब, ओडिशा समेत कई राज्यों ने 30 अप्रैल तक बढ़ा ही दिया है। आज डॉक्टर सरिता फुआ से बात हुई। वे मेरे गांव के भुवनेश्वर दादा की बेटी हैं। शिक्षिका के तौर पर रिटायर होने के बाद डेहरी ओनसोन में रहती हैं। उनके भाई पुणे से सुरेश चाचा का भी फोन आया। गांव से जुड़े इन दोनों लोगों से पहली बार बात हुई। तीन दिन बाद फ्लैट से बाहर गया, कुछ सब्जियां और पतजंलि स्टोर से कुछ राशन लेकर वापस आ गया।
12 अप्रैल , 19वां दिन - खाली समय में पुराने फोटो अलबम देखते हुए वक्त कट रहा है। बहुत सालों बाद चंदेश्वर भैया ( गरभे) से बात हुई। वे बौद्ध भिक्षु बन गए हैं। उनके दो बेटे फरीदाबाद में रहते हैं। देश में आज कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई। दिल्ली और आसपास में शाम को 5.45 बजे भूकंप के झटके भी आए।
13 अप्रैल , 20 वां दिन - वैसे तो आज
वैशाखी है, पर इस
त्योहार को लेकर कोई उत्साह नहीं है। दिल्ली में आज सुबह भी भूकंप के झटके आए। कल
मेष संक्रांति होगी, तब कुछ
प्राकृतिक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। आज देश भर में 53 लोगों की मौत हुई कोरोना से जो अब
तक सबसे ज्यादा है। पीड़ित लोगों की संख्या 9000 पार कर गई है। बीएचयू के पुराने सीनियर अजय सिंह ( द्वाराका, दिल्ली) से बात हुई।
14 अप्रैल , 21 वां दिन - सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया। लॉकडाउन बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। इस दौरान और सख्ती की जाएगी। रेलगाड़ियां और हवाई जहाज परिवहन आदि भी तीन मई तक बंद रहेंगे। आज मुंबई के बांद्रा जंक्शन में हजारों श्रमिक अचानक स्टेशन पर पहुंच गए और खुद को घर पहुंचवाने की मांग करने लगे। कल की तुलना में देश में आज कोरोना से कम लोगों की मौत हुई। सरकारी आंकड़े में 29 मौत की बात कही गई।
15 अप्रैल, बुधवार 22वां दिन - आज मेरा साप्ताहिक अवकाश है। तो ज्यादा समय खाना बनाने में
नहीं गुजारा, बल्कि अपनी
अलमारी से उन किताबों की तलाश में जो मुझे पढनी है। अलमारी में 20 से ज्यादा ऐसी किताबें पड़ी हैं
जिन्हे मैंने नहीं पढ़ा अभी तक। कल दीवान सराय शहरनामा -2 पढ़कर खत्म की। राहुल सांकृत्यायन
की कुछ किताबें भी अलमारी में मिलीं। शाम को सब्जी लाने के लिए थोड़ी देर के लिए
नीेचे उतरा।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com ( INDIA LOCKDOWN, CORONA PERIOD, COVID 19 )
No comments:
Post a Comment