Monday 20 April 2020

लॉकडाउन डायरी - शुरू हो गया दूसरा चरण ((03 ))


देश भर में लॉकडाउन का दूसरा चरण 16 अप्रैल से शुरू हो चुका है। हमारी कालोनी डीएलएफ दिलशाद में बीच चौराहे पर एक डीकांटामिनेशन टनेल लगाया गया है। कई लोग इससे होकर गुजर रहे हैं। अच्छी बात है कि कालोनी के लोग काफी अभी भी अनुशासित हैं। कई राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की हिमायत की थी। अब मुझे अकेले रहने की आदत सी पड़ने लगी है। 15 अप्रैल को मेरा अवकाश था। ऐसा कई दिन बाद हुआ कि मैं रात 12 बजे से सुबह 10 बजे तक सोता रहा। अच्छी नींद आई। वरना शुरुआत में रात को नींद नहीं आती थी।

कोरोना से बचने के लिए बार बार हाथ धोने और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है। बाजार में मिल रहे तमाम महंगे सेनेटाइजर का विकल्प है। पतंजलि का आयुर्वेदिक सेनेटाइजर, नीम, तुलसी एलोवेरा से बना, सिर्फ 55 रुपये में 120 एमएल....

16 अप्रैल, गुरुवार  23 वां दिन - आज कई दिनों बाद विवेक विश्वकर्मा से मुलाकात की, नीचे सड़क पर शाम को सब्जी खरीदने के दौरान। डीएलएफ कालोनी में अब हमारा कोई मित्र नहीं रहता। फूल लाल मौर्य और आरपी मौर्य कालोनी छोड़कर नई जगहों पर जा चुके हैं। मां और पिताजी के साथ भाई तड़ित से लंबी बातचीत हुई। इस लॉकडाउन में कई दोस्त जिनके बाल बढ़ रहे हैं खुद ही बाल काटना सीख रहे हैं। दिन में कर्ड राइस बनाकर खाया तो शाम को नास्ते में भेलपुरी खुद तैयार किया। 

17 अप्रैल, शुक्रवार, 24 वां दिन - पिछले दो दिन में देश में संक्रमण बढ़ने की गति में कमी आई है। कई चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी को लेकर जितना परेशान हुआ जा रहा है वास्तव में यह उतना खतरनाक नहीं है। देश में हर रोज अभी भी टीबी से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत होती है, जबकि टीबी का इलाज उपलब्ध है। कई लोग पूछ रहे हैं कि इन दिनों क्या बना रहे हो और क्या खा रहे हो तो कुछ खाने-पीने की तस्वीरें भी संजो रहा हूं। 

इस बार घर से लौटा था तो मां ने तीसी ( अलसी) की तिसौरी बनाकर दी थी। उसे भी तल कर खा रहा हूं। तो इस तिसौरी में मां का प्यार शामिल है। वैसे आजकल तीसी को सुपर फूड की संज्ञा दी जाने लगी है। हमारे गांव में बचपन में खेतों तीसी के नीले फूल खिलते थे। पर हमलोग इसे तब खाने में कोई खास महत्व नहीं देते थे। 
शुक्रवार 17 अप्रैल को कुछ सुखद खबरें हैं कि देश में रोज मरने वालों की संख्या घट रही है। आज 32 लोगों की जान गई। कुल संख्या हुई 452 वहीं अब कुल पीड़ितों में 13 फीसदी ठीक हो चुके हैं। आज बांसुरी वादक राजेंद्र प्रसन्ना जी से लंबे समय बाद बात हुई। उन्होंने बताया कि वे हर रोज दोपहर 12 बजे एक घंटे फेसबुक पर लाइव होकर बांसुरी बजाते हैं। इस समय हजारों लोग उन्हें सुनते हैं।

18 अप्रैल, शनिवार, 25 वां दिन - रात 12 बजे तारीख बदलते ही दिल्ली में जोरदार बारिश शुरू हो गई। बारिश से पहले आंधी भी आई। शाम को फिर दो बार बारिश हुई। कुछ इलाकों में ओले भी पड़े। सुबह की नींद एक फोन से खुली। कुदरा के पास तरहनी गांव से राम प्रवेश मामा का फोन आया। लंबी बात हुई। वे कह रहे थे इस लॉकडाउन में हम गांव के लोगो ंको ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा। अपने खेत की सब्जियां खा रहे हैं। गेहूं की कटाई भी चल रही है। 
हमारे पुराने साथी ओम प्रकाश तिवारी का मानना है कि कोरोना से लड़ने का रास्ता लॉकडाउन नहीं है। इसका मतलब तो दुश्मन से छिपकर घर में बैठ जाना है। जबकि जब दुश्मन हमला करे तो हमें युद्ध के मैदान में उतरना पड़ता है। 

बहुत दिनों बाद मुझे अपनी कालोनी में कौवा की कांव कांव सुनाई दी। वरना दिल्ली में तो तभी कौवा नजर ही नहीं आता था। लॉकडाउन में आसमान भी बिल्कुल साफ नजर आ रहा है। 

19 अप्रैल, रविवार - 26वां दिन -  देर रात हल्की बारिश और आंधी का माहोल बना रहा। आमतौर पर अप्रैल में ऐसा मौसम नहीं होता। सदभावना रेल यात्रा के दौरान 1993 में लंबे समय तक साथ रहे रामाकृष्णा ( बेंगलुरु) से बात हुई। वह बातें करते हुए बड़ा भावुक हो गया। शाम को सुरेश चाचा के बेटे सौम्य का पुणे से फोन आया। मेरे गांव से वह एक और युवक है जो पत्रकार बन गया है। वह पुणे के एक अंग्रेजी अखबार में काम करता है। आज रात फिर हल्की बारिश हुई। 
देश भर में कोराना से मरने वालों की संख्या 500के पार हो गई। वहीं 16 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन पर लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि ये बीमारी, जाति,धर्म, नस्ल देखकर हमला नहीं करती। पेरिस में पानी में भी कोरोना वायरस मिले हैं। हालांकि वह पेयजल सप्लाई का नेटवर्क नहीं है।

20 अप्रैल , सोमवार, 27वां दिन - अमेरिका में तो सारे स्कूल कॉलेज एक साल के लिए बंद कर दिए गए हैं।मेरे कॉलेज के दिनों के साथ अभय कुमार इन दिनों केनरा बैंक में वाशिंगटन डीसी शाखा में पदस्थापित हैं। उनसे रात को बात होती है, तब अमेरिका में कोरोना को लेकर व्याप्त भय के बारे में पता चलता है। इस बीच देश में अच्छी खबर है कि गोवा और मणिपुर जैसे राज्य संक्रमण मुक्त हो गए हैं।

21 अप्रैल, मंगलवार  28वां दिन - आज मैंने तय किया की रसोई में खाना नहीं बनाउंगा। बिना पकाए हुए भोजन पर रहूंगा। तो सत्तू पीया, फिर कुछ फल खाए और शाम को भेलपुरी बनाकर खाया। बनारस के पुराने साथी हेमंत कुशवाहा और प्रेमन कुमार मौर्य से बात हुई। आज देश में मरने वालों की संख्या 600 के पार हो गई। दिल्ली नोएडा और दिल्ली गाजियाबाद की सीमा पूरी तरह सील कर दी गई है। बिहार के रोहतास, बक्सर और भोजपुर जिले में भी कोरोना के नए केस निकल आए हैं। मुंबई में 53 पत्रकार भी संक्रमित हो गए हैं। वहीं तमिलनाडु में भी 20 से ज्यादा पत्रकारों को संक्रमण हुआ है। 

22 अप्रैल, बुधवार 29वां दिन - आज मेरा अवकाश नहीं है। कोरोना महामारी के कारण कच्चे तेल की वायदा बाजार मे ंअमेरिका में कीमत शून्य के नीचे चली गई है। जैसे हालात बन रहे हैं तीन मई के बाद देश में समान्य परिवहन के आसार नहीं लगते। लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो इसके लिए दिल्ली नोएडा, दिल्ली गाजियाबाद बार्डर अच्छी तरह सील कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर हमले रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान कर रही है। उधर अमेरिका कोरोना को लेकर चीन को धमकी दे रहा है। 
23 अप्रैल, गुरुवार - 30वां दिन - आज मैं अवकाश पर हूं। रोहतास जिले के बाद आज बिहार के कैमूर जिले में भी कोरोना के आठ संक्रमित मिले हैं। वे लोग चैनपुर के गांव में मिले हैं। देश में आज कुल 34 लोगों की मौत हुई। छुट्टी का दिन पाकिस्तानी तबला वादक ताफू खान का तबला सुनने और कुछ पुराने दोस्तों से संवाद करने में बीता। 
24 अप्रैल, शुक्रवार 31वां दिन- बड़ा सवाल कि कोरोना का संक्रमण कैसे फैलता है। अब तक से शोध के मुताबिक संक्रमण फैलने की सबसे ज्यादा संभावना तब है जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींके या खांसे और कोई अन्य शख्स उन नम बूंदों के संपर्क में आए। ऐसा 6 फीट की दूरी तक हो सकता है। यह संभव है कि आप किसी ऐसी वस्तु के संपर्क में आएं जहां किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी से नम बूंदें गिरी हों। ऐसे केस में वायरस से संक्रमण की संभावना पहले दस मिनट से  लेकर तकरीबन दो घंटे तक रहती है। मगर याद रखें वायरस को छू  लेने से यह आपकी बॉडी में नहीं जाता। यह तभी आपकी बॉडी में जाता है, जब उन्हीं हाथों से अपनी नाक, मुंह या आंखों को छूते हैं।  इंसानी शरीर के बाहर बहुत तेजी से मरने लगता है, क्योंकि उसे जिंदा रहने के लिए वाहक चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आज देश के ग्राम पंचायतों के सरपंचों को संबोधित किया। कल से रमजान का महीना शुरू हो रहा है। पर इस बार बाजार नहीं सजेंगे। कोरोना से आज देश में 37 लोगों की मौत हुई। आज में अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला। 

- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com  ( LOCKDOWN DAYS, CORONA, COVID 19 ) 


1 comment:

Mya M said...

Thankk you for writing this