Monday, 29 January 2018

बातें ( कविता )


कुछ ऐसे रिश्ते
रहने भी दो
जिनका कोई नाम न हो
एक जगह ऐसी छोड़ दो खाली
आशियाने में
जहां अनावृत कर सारे
बाह्रय आवरण
उतारकर सारी कृत्रिमता
संभव हो मानव का मानव से
उन्मुक्त मिलन
मिथ्या प्रवचनों
अंशकालिक अनुबंधों
के मध्य कर लो
कुछ ऐसी बातें
जो कभी खत्म न हो
बातें जो कभी खत्म न हो....

-    ----  विद्युत प्रकाश मौर्य



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