Sunday 7 January 2018

अच्छे दोस्त ( कविता )

अच्छे दोस्त अक्सर
वसंत के गुजरने के बाद
पलाश के फूल
बनकर आते हैं।
और ग्रीष्म में साथ छोड़ जाते हैं।

अच्छे दोस्त
सरदी की सुबह में
मीठी नींद का सपना बनकर आते हैं।
दिन भर जाड़े की धूप के संग
उनकी याद बनी रहती है।

अच्छे दोस्तों की स्मृतियां
शामों के अकेलेपन का
संगीत होती हैं।

अच्छे दोस्तों से मुलाकात
अक्सर प्लेटफार्म पर
छूटने को तैयार रेलगाड़ी
के समय होती है।

एक एक पड़ाव को पार करती
जीवन यात्रा
पीछे भागती हरियाली
के साथ अच्छे दोस्त
साथ छोड़ जाते हैं।

अच्छे दोस्त
विदायी की वेला में
कुछ कदम साथ चलने के बाद
कहते हैं कुछ मधुर संवाद
जो जाने को कठिन और
लौटने को असंभव बना देता है।

अच्छे दोस्त हमेशा
जिजीविषा और अकुलाहट में
अभिवृद्धि करते हैं।

जीवन की खुशनुमा शामों को
अक्सर अच्छे दोस्तों की टेबल
खाली रहती है।

अच्छे दोस्त अक्सर
नेह नहीं देते, स्पर्श नहीं देते।
अच्छे दोस्त दे जाते हैं...
वेदना के कुछ पल
यादों का एक अंतहीन मौसम।


-विद्युत प्रकाश मौर्य
(नवंबर , 1995)

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