Wednesday, 5 September 2018

एक जगत की धरती माता ( युवा गीत )

एक जगत की धरती माता, हम सब उसकी संतान
सब उसकी संतान

भेद भाव से मुख न मोड़े,दुष्कर्मों का मारक छोड़े
सब राष्ट्रों से नाता जोड़े,बने गुणों की खान।
बने गुणों की खान। एक जगत...

सत्य अहिंसा प्रेम बढ़ाएं, देश भक्ति के दीप जलाएं,
जन सेवा को धर्म बनाएं, रहे इसी में ध्यान।
रहे इसी में ध्यान। एक जगत....

दुर्जन को भी कर दें सज्जन, मानवता मय हो यह जीवन
सदा नीति पर वारे तन मन, बढ़े हमारी शान
बढ़े हमारी शान।। एक जगत...

बुद्ध मोहम्मद, ख्रिस्त महात्मा, दया रुप थी सबकी आत्मा
प्रगति न्याय के वह परमात्मा, जगत में उनका मान।

जग में उनका मान। एक जगत ...


भारत वर्ष महान....

देश हमारा सबको प्यारा, भारत वर्ष महान
हर बच्चा अंगारा है जय जननी हिंदुस्तान।
हर विपदा को हंसकर सहते जाएंगे
धरती के कण कण में दीप जलाएंगे
भारत का बच्चा बच्चा ध्रुवतारा है
सत्य अहिंसा अमर रहे यह नारा है।
गांधी और गौतम की इस धरती पर हमें गुमान
आन बान के धनी अडिग है, वीरों की हम संतान।।
जो हमसे टकराएगा वो मिट जाएगा।
कंठ कंठ से विजय गीत लहराएगा।
खून पसीना खेत खेत में जाएगा।
नया सवेरा नई जिंदगी लाएगा।
हम भारत के वीर सिपाही और देश की शान
नहीं रुकेंगे नहीं झुकेंगे बोल रहा बलिदान।।
उठो देश ने फिर हमें पुकारा है,
कह दो भारत प्राणों से भी प्यारा है।
भारत की मिट्टी चंदन तिलक करो

जागो और जगाओ आगे बढ़े चलो।। 



लहू का रंग एक अमीर क्या गरीब क्या
बने हैं एक खाक से तो दूर क्या करीब क्या
वही है तन वही है जान कब तलक छुपाओगे
पहन के रेशमी लिबास कि तुम बदल न पाओगे
सभी है एक जाति हम सवर्ण क्या अवर्ण क्या
गरीब है तो इसलिए कि तुम अमीर हो गए
एक बादशाह हुआ तो सौ फकीर हो गए
खता है सब समाज की भले बुरे नसीब क्या।।

जो एक है तो फिर न क्यों दिलों का दर्द बांट लें
जिगर की प्यास बांट लें लबों का प्यार बांट लें
लगा लो सबको तुम गले अमीर क्या गरीब क्या।।
कोई जने है मर्द तो कोई जनी है औरतें
शरीर में भले हो फर्क रुह सबकी एक है।


एक है जब हम सभी विषमता की वजह क्या।। लहू...

बढ़ाए जा कदम जवान तू कदम बढ़ाए जा .....

बढ़ाए जा कदम जवान तू कदम बढ़ाए जा 

गाए जा खुशी के गीत तू जवान गाए जा

तू चला तो चल दिया जमाना तेरे साथ साथ
तू रुका तो रुक गया फसाना तेरे साथ साथ
गा दिया तो छिड़ गया तराना तेरे साथ साथ
प्रभातियां सुना सुना स्वदेश को जगाए जा

बढ़ाए जा कदम जवान तू कदम बढ़ाए जा

तू उठा तो उठ गया देख नीला आसमान
तू बढ़ा तो बढ़ गया देख कितना यह जहान
तू तना तो तन गया निकाल सीना है पहाड़
हंसता रहे न बन उदास क्रांति गीत गाए जा...


बढ़ाए जा कदम जवान तू कदम बढ़ाए जा।

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