अगर आपका नन्हा मुन्ना ज्यादा टीवी देखता हो तो यह अच्छी बात नहीं
है। उसे आप टीवी से यथा संभव दूर ही रखें। आमतौर पर तीन चार महीने के बच्चे अपने
आसपास की चीजों को देखकर खुश होने लगते हैं। ऐसे में वे टीवी की स्क्रीन पर भी
देखते हैं। कई माता पिता को यह देखकर खुशी होती है उनकी बच्चा टीवी देख रहा है। पर
वास्तव में यह कोई अच्छी बात नहीं है। आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपका बच्चा कम से
कम टीवी देखे। बहुत छोटे बच्चे अगर ज्यादा टीवी देखने लगें तो उनका वास्तविक विकास
रुक जाता है। आपको चाहिए कि बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय तक आप खुद
इंटरैक्ट करें। अगर आपके पास समय नहीं है तो परिवार को अन्य निकट सदस्य हो। बच्चा
जितने ज्यादा समय तक परिवार के लोगों के साथ खेलता है बातें करता है, उसका विकास उतना ही स्वभाविक होता है।
नजदीक से टीवी देखना है हानिकारक- टीवी से खतरनाक एक्स किरणें निकलती हैं। ये बड़े लोगों के लिए भी खतरनाक
होती हैं। जाहिर है छोटे बच्चे पर ज्यादा असर डाल सकती हैं। इसलिए बच्चे को ज्यादा
देर तक टीवी नहीं देखने दें। खास तौर पर उसकी आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके
साथ ही टीवी के विभिन्न चैनलों पर कई बार अपराध व खून खराबे वाले दृश्य आते रहते
हैं। उन पर यह चेतावनी भी लिखी होती है कि इन्हें बच्चे और कमजोर दिल वाले लोग
नहीं देखें। कई बार आप यह ध्यान नहीं दे पाते कि बच्चे टीवी पर क्या देख रहे हैं।
इसलिए ऐसे मामले को गंभीरता से लें।
उम्र के अनुसार खिलौने दें- बच्चे को टीवी के सामने उलझाने के बजाय उसको उसकी उम्र के अनुसार ही
खिलौने दें। जब आप किसी अच्छी खिलौने की दुकान पर जाते हैं। तो वहां आपको हर उम्र
के हिसाब से खिलौने की रेंज देखने को मिलती है। सबसे छोटे बच्चों को अक्सर रंग
पहचाने वाले खिलौने दिए जाते हैं। उसके बाद अलग अलग जानवरों फलों के आकार के
खिलौने। अलग अलग तरह के ध्वनि उत्पन्न करने वाले खिलौने भी बच्चे पसंद करते हैं।
बच्चे को पार्क में घुमाएं- अगर आपके घर में सदस्यों की संख्या कम है तो बच्चे को अपने साथ पार्क में
घुमाने के लिए ले जाएं। वहां की हरियाली और रंग बिरंगे फूलों को देखकर बच्चे खुश
होते हैं। इसके साथ ही उनके दिमाग में एक बड़े लैंडस्केप की छवि बनती है। यह बच्चे
के विकास में बहुत अच्छा योगदान करता है। पार्क में बच्चा अपनी उम्र के अन्य
बच्चों को देखता है तो उसे खुशी होती है। वह उनके साथ कई बार खेलता है। अक्सर यह
देखा जाता है कि संयुक्त परिवार में नन्हे बच्चे का विकास बेहतर होता है। पर अब
संयुक्त परिवारों की परंपरा टूट रही है। ऐसे में बच्चे को पार्क में ले जाकर
घुमाना अच्छा विकल्प हो सकता है।
बन जाएं बच्चे आप भी - कभी कभी आपको अपने बच्चे के साथ बच्चा ही बन जाना चाहिए। आप उसी की तरह
चलें। उसी की तरह हरकत करें। हाथी घोड़ा बनकर उसके साथ खेलने की कोशिश करें इससे
आपके बच्चे को काफी खुशी होगी। वह आपसे आत्मीयता महसूस करेगा। जो लोग अपने बच्चों
के साथ ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं उनके बच्चों का विकास रुक जाता है। वे एकांगी
हो जाते हैं। मायूस रहने लगते है। बाकी बच्चों से उनका दिमाग भी कमजोर विकसित होता
है।
टीवी देखने का समय तय करें - ये संभव नहीं है कि आप अपने लाडले को बिल्कुल टीवी देखने से रोक दें। पर आप उनका टीवी देखने का समय नीयत कर सकते हैं। इसके साथ उनकी उम्र के हिसाब से एक चैनलों की सूची बनाकर दें। अगर बच्चे की उम्र 6 साल से ऊपर की है तो उन्हें समझा कर कार्टून से शैक्षिक चैनलों की ओर शिफ्ट करें। इसका आपको लाभ दिखाई देगा। दिन रात टीवी के साथ गुजारने वाले बच्चों की आंखों पर नन्ही उम्र में चश्मा चढ़ जाता है, उससे बचने की कोशिश करें।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
टीवी देखने का समय तय करें - ये संभव नहीं है कि आप अपने लाडले को बिल्कुल टीवी देखने से रोक दें। पर आप उनका टीवी देखने का समय नीयत कर सकते हैं। इसके साथ उनकी उम्र के हिसाब से एक चैनलों की सूची बनाकर दें। अगर बच्चे की उम्र 6 साल से ऊपर की है तो उन्हें समझा कर कार्टून से शैक्षिक चैनलों की ओर शिफ्ट करें। इसका आपको लाभ दिखाई देगा। दिन रात टीवी के साथ गुजारने वाले बच्चों की आंखों पर नन्ही उम्र में चश्मा चढ़ जाता है, उससे बचने की कोशिश करें।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
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