Saturday, 2 April 2011

डीडी डायरेक्ट प्लस में नए चैनल


डीडी डाइरेक्ट प्लस के लिए हाल में हुई पहली ई नीलामी में इस प्लेटफार्म पर 22 नए चैनलों को जगह मिली है। इसके साथ ही 20 अगस्त से डीडी डाइरेक्ट प्लस पर 80 चैनल देखे जा सकेंगे। पहली ई नीलामी से दूरदर्शन को 46 करोड़ रूपये की आमदनी हुई है। वहीं कई नए क्षेत्रीय, मनोरंजन और मूवी चैनल भी डीडी के डीटीएच पर जुड़ने जा रहे हैं।

दूरदर्शन की डीटीएच गांवों और कस्बों में निजी आपरेटरों के तुलना में ज्यादा लोकप्रिय है लेकिन अब डीडी डाइरेक्ट प्लस और भी लोकप्रिय हो सकता है। कारण है इसके बुके में नए टीवी चैनलों का आना। ताजा नीलामी के बाद डीडी के डीटीएच प्लेटफार्म पर कई और चैनल शामिल होने जा रहे हैं। इससे दूरदर्शन के डीटीएच पर उपलब्ध फ्री चैनलों की संख्या 100 को पार कर जाएगी। 


फिलहाल देशभर में सात डीटीएच आपरेटर हैं। इनमें छह आपरेटर प्राइवेट हैं। जो उपभोक्ताओं से हर महीने टीवी देखने के एवज में 150 रूपये से लेकर 400 रूपये मासिक तक शुल्क वसूलते हैं। लेकिन दूरदर्शन का डाइरेक्ट प्लस इन सबसे से अलहदा है, इसमें कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। बस एक बार इंस्टाल करने का खर्च है। आमतौर पर डीडी डाइरेक्ट प्लस की सेट टाप बाक्स और एंटीना 1500 रूपये में मिल जाता है। 100 रूपये खर्चे में इसे मैकेनिक इंस्टाल कर देता है। दूरदर्शन का ये डीटीएच वैसे लोगों के बीच लोकप्रिय है जो हर महीने शुल्क नहीं देना चाहते या वैसे लोग जिनकी मनोरंजन पर जेब खर्च करने की क्षमता ज्यादा नहीं है। खास तौर पर कस्बे और गांव में डीडी डाइरेक्ट प्लस लोकप्रिय है। जब डीडी डाइरेक्ट लांच हुआ था तब इसमें 33 चैनल उपलब्ध थे। इसके साथ ही इस पर रेडियो के 12 चैनल भी सुने जा सकते थे। इन 33 चैनलों में दूरदर्शन के ही 18 चैनल थे। तब हालांकि डीडी के डाइरेक्ट प्लस को धीमी लोकप्रियता मिली। लेकिन धीरे धीरे सस्ता और निशुल्क होने कारण इसकी लोकप्रियता में अपने आप इजाफा होता गया। शुरूआत में निजी प्रसारकों ने डीडी डाइरेक्ट प्लस के प्लेटफार्म पर जाने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई थी। लेकिन तकनीकी विस्तार होने पर इसमें बाद में कुछ और चैनल जोड़े गए। दूसरे विस्तार के बाद डीडी डाइरेक्ट पर 58 चैनल उपलब्ध थे। लेकिन तब तक तमाम छोटे बड़े निजी चैनलों में डीडी डाइरेक्ट पर जाने के लिए होड़ लग गई। लेकिन तमाम चैनल लाइन में लगे रहे जगह मिल सकी कुछ ही चैनलों को। अब निजी प्रसारकों को समझ में आ गया है कि ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए डीडी डाइरेक्ट अच्छा जरिया है।

लेकिन अब इंडियन स्पेश रिसर्स आर्गनाइजेशन यानी इसरो के एडवांस सेटेलाइट जीसेट 8 के प्रक्षेपण के बाद डीडी डाइरेक्ट प्लस के विस्तार की संभावना में इजाफा हो गया है। अब डीडी डाइरेक्ट पर 200 चैनलों के लिए जगह है। ये सेटेलाइट 24 केयू बैंड ट्रांसपोंडर्स से लैस है। जाहिर है जब खाली जगह पर निजी टीवी चैनलो को जगह देने के लिए सरकार ने जब बोली लगाई तो बडी संख्या में निजी प्रसारकों ने हिस्सा लिया। दूरदर्शन इन चैनलों से साल भर की कैरेज फीस वसूलेगा। इसके बदले में ये चैनल देश भर के लोगों को फ्री में उपलब्ध होंगे। 

देश में चैनलों की बढ़ती संख्या के बीच चैनलों में मारी मारी इस बात को लेकर है कि वे कैसे ज्यादा बड़ी आबादी तक पहुंचे। अभी तमाम ऐसे चैनल ब्राडकास्ट हो रहे हैं जिन्हे कोई देखता तक नहीं। हर शहर के केबल आपरेटरों को चैनल दिखाने के लिए हर महीने मोटी राशि अघोषित तौर पर देनी पड़ती है। इसमें मिड्ल क्लास चैनल पिछड़ जाते हैं। ऐसे में देश की एक बड़ी आबादी  तक पहुंचने के लिए डीडी डाइरेक्ट प्लस अच्छा जरिया हो सकता है। लेकिन इस पूरी कवायद में दर्शक तो फायदे में रहेगा क्योंकि उसे तो मुफ्त में 200 चैनल देखने को मिलने वाले हैं। ऐसे में उसके सामने ढेर सारे विकल्प मौजूद होंगे बिना कोई मासिक शुल्क दिए हुए ही।
    
 -विद्युत प्रकाश मौर्य

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