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हो सकता है
भारत में आपको टीवी पर वयस्क फिल्में खुलेआम देखने को मिल सकें। बस इसका समय तह हो
जाएगा। भारत में सेटेलाइट चैनलों का प्रसारण अब दूसरे दशक में है। आज 200 के करीब चैनलों के सिग्नल भारत में
प्राप्त हो रहे है। पिछले कई सालों से कुछ चैनल एडल्ट कंटेंट का प्रसारण अपने चैनल
पर करने को तैयार बैठे हैं। कई साल पहले एक भारतीय कंपनी ने पूर्णतया वयस्क चैनल
लाने की बात कही थी। पर अभी तक ऐसा नहीं हो सका। समय पर कुछ ऐसे चैनल आए जिन्होंने
एडल्ट प्रसारण किया पर सरकार ने शिकायत मिलने पर ऐसे चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की।
जब सुषमा स्वराज सूचना प्रसारण मंत्री बनीं थीं तो उन्होंने किसी भी टीवी चैनल पर
तमाम एडल्ट कंटेट को नहीं दिखाए जाने की बात कही थी। पर एक लाबी सक्रिय है जो
चाहती है कि टीवी पर वयस्क प्रसारण हो।
हाल मे
सेंसर बोर्ड की चेयर पर्सन शर्मिला टैगौर खान ने कहा कि अब टीवी पर वयस्क प्रसारण
में कोई बुराई नहीं है। हां इसके लिए समय तय होना चाहिए। यह समय देर रात का हो
सकता है जब बच्चे सो जाते हैं। यानी रात के 11 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक का समय। इस
मामले में वे सूचना प्रसारण मंत्रालय को सलाह भी दे रही हैं।
इस बात की
क्या गारंटी है कि इस समय पर अगर टीवी चैनलों पर वयस्क कंटेंट का प्रसारण होगा तो
कोई बच्चा उसे नहीं देखेगा। नई पीढ़ी के बच्चे भी सूचना संपन्न हैं। उन्हें सब कुछ
पता चल जाएगा। दूसरा यह कि आजकल टीवी सेट एक घर के सभी बेडरूम में होता है बच्चे
चुपके चुपके ऐसे कार्यक्रमों को देख सकते हैं। आप उन्हें कैसे रोकेंगे। शर्मिला
टैगोर का तर्क है कि दुनिया के कई देशों में इस तरह के चैनलों का प्रसारण होता है
तो हम कैसे उसे रोक कर रख सकते हैं। स्टार अपने चैनल पर एडल्ट कंटेंट का प्रसारण
करता है। इसके लिए उसने खुद की ही सेंसर नीति बनाई हुई है। उसने फिल्मों को चार
भागों में वर्गीकृत कर रखा है। पर वहां भी ऐसा नहीं होता है कि जो फिल्में सिर्फ
वयस्कों के लिए होती हैं उसे बच्चे नहीं देखते। ऐसी फिल्मों के प्रसारण से पूर्व
एक मार्क जरूर आता है जिसका कोई मतलब नहीं होता। इस वर्गीकरण को जितना भी प्रचारित
किया जाए कम उम्र के लोगों में ऐसी फिल्मों के प्रति रूचि बढ़ती ही जाएगी।
वहीं डीटीएच
पर मूवी आन डिमांड का विकल्प मौजूद है। इसमें आप कोई फिल्म देखना चाहते हैं तो
उचित शुल्क देकर फिल्म को अपने टीवी पर मंगा सकते हैं। एक निश्चित समय पर देखने के
बाद यह फिल्म आपके टीवी से अपने आप चली जाएगी। ऐसी स्थिति में यहां बच्चों से
एडल्ट मूवी को दूर रखे जाने का विकल्प मौजूद है। फिलहाल तो डीटीएच के मूवी आन
डिमांड वाले भी एडल्ट फिल्मों का प्रसारण नहीं कर रहे हैं। पर सरकार की कोई स्पष्ट
नीति बन जाने के बाद ऐसा संभव हो सकेगा। सरकार अभी तक को वयस्क प्रसारण को लेकर इस
सिद्धांत पर ही चल रही है कि भारत में ऐसे चैनलों का प्रसारण रोकना है। समय समय पर
ऐसे चैनलों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। पर शर्मिला टैगौर जैसी शख्शियतें जिस
तरीके से भारत में टीवी पर वयस्क प्रसारण की वकालत कर रही हैं उससे लगता है कि वह
दिन दूर नहीं है जब सरकार का सूचना प्रसारण मंत्रालय इस बारे में कोई साफ नीति बना
लेगा। तब देर रात में ऐसी फिल्मों और कार्यक्रमों का प्रसारण वैधानिक रूप से संभव
होगा।
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