न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि सेटेलाइट चैनलों के मामले में क्षेत्रीय
चैनलों के बाजार में भी तेजी से विस्तार हो रहा है। टीवी पर दर्शकों का वर्ग अब
अपने अड़ोस पड़ोस की खबरें भी देखना चाहता है। अब लगभग देश की सभी प्रमुख
क्षेत्रीय भाषाओं में कई प्रमुख चैनल संचालित हो रहे हैं। इनका बाजार तेजी से बढ़
भी रहा है। पंजाबी में सर्वाधिक म्यूजिक चैनल प्रसारित हो रहे हैं पर वहां समाचार
चैनल कम हैं, पर कई क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार चैनल
भी लोकप्रिय हो रहे हैं। रीजनल चैनलों का सबसे बड़ा नेटवर्क ईटीवी 12 क्षेत्रीय चैनलों का संचालन करता है। ईटीवी के तेलगू भाषा के दो चैनल हैं।
वहीं उड़िया, बांग्ला, कन्नड़, मराठी, गुजराती और उर्दू में समाचार चैनल कई
सालों से सफलतापूर्वक चल रहे हैं। ईटीवी के सभी 12चैनलों
का संचालन रामजी फिल्म सिटी हैदराबाद स्थित परिसर से होता है। वहीं ईटीवी बिहार-झारखंड, उप्र-उत्तरांचल, मप्र-छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए अलग अलग समाचार
चैनल संचालित कर रहा है। ईटीवी के तेलगू और उर्दू चैनल काफी लोकप्रिय भी हैं। वहीं
ईटीवी बिहार हिंदी चैनलों में सर्वाधिक सफल रीजलन चैनल के रूप में झंडे गाड़ रहा
है। अब ईटीवी को बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
में सहारा के रीजनल चैनलों से चुनौती मिल रही है तो उड़िया में ओ टीवी नामक
सेटेलाइट चैनल आरंभ हो चुका है। अभी सबसे बड़ा घमासान तेलगू में देखने को मिल रहा
है। यहां समाचार चैनल ईटीवी-2 के मुकाबले टीवी 9 नामक चैनल आ चुका है।
वहीं 2009 में आंध्र
प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले कई और समाचार चैलन मैदान में कूदने
की तैयारी में हैं। इस क्रम में प्रमुख तमिल चैनल नेटवर्क सन टीवी ने सन का तेलगू
समाचार चैनल लाने की घोषणा कर दी है। सन टीवी की तैयारियों के साथ ही दो और समचार
चैनल मैदान में कूदने की होड़ में लगे हैं। सन नेटवर्क तमिल में कई चैलनों का
संचाल कर रहा है। यह नेटवर्क डीएमके पार्टी के नेता करूणानिधि का समर्थक है। न्यूज
तथा इंटरटेनमेंट में लीडर समूह अब एफएम चैनल और डीटीएच के क्षत्र में भी कदम रख
रहा है। यह दक्षिण भारत का एक सुव्यवस्थित और सफल नेटवर्क चैनल समूह है। अब कोई
राजनीतिक समूह टीवी चैनल और समाचार पत्रों का संचालन करेगा तो जाहिर है कि उसके
विरोधी समूह को भी अपनी बात ठीक ढंग से रखने के लिए किसी मीडिया का सहारा लेना
पड़ेगा इसलिए डीएमके की कट्टर विरोधी जय ललिता का भी अपना जया टीवी है।
कुछ ऐसा ही हाल मराठी और बंगाली
में भी है। स्टार समूह ने क्षेत्रीय भाषा की ताकत को देखते हुए स्टार के बांग्ला
समाचार चैनल स्टार आनंद की शुरूआत कर दी है। इसके अलावा बांग्ला में दो और
सेटेलाइट चैनल पहले से संचालित हो रहे हैं। स्टार के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जी समूह
ने भी जी बांग्ला चला रखा है तो जी समूह ने अभी हाल में ही मराठी भाषा में 24 घंटे का समाचार चैनल भी आरंभ कर दिया है। जी समूह के क्षेत्रीय भाषा में
बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ही स्टार समूह ने भी कई क्षेत्रीय भाषाओं में अपने चैनल
की योजना बनाई है। मराठी में एक नए चैनल मी मराठी का भी आगाज हो चुका है।
राष्ट्रीय परिदृश्य में कई समाचार चैनलों के आने के बाद अब कई समूह क्षेत्रीय चैनल
के बारे में सोचने लगे हैं क्योंकि राष्ट्रीय चैनलों में क्षेत्रीय खबरों को
ज्यादा जगह नहीं मिल पाती है। वहीं राज्य पर केंद्रित चैनल अपने बुलेटिनों में हर
जिले की खबरें चलाते हैं। इन चैनलों के संवाददाताओं का नेटवर्क राज्य के हर जिले में
फैला हुआ है जो अपने शहर के अलावा गांव गांव की खबरे भेजते हैं।
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