Saturday, 9 March 2019

इन्होंने कराया था देश का पहला आम चुनाव



पहला लोकसभा चुनाव 1951-52

सन 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव कराने का जिम्मा मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के पास था। आईसीएस अधिकारी सुकुमार सेन मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे। सेन ने 1952 ही नहीं 1957 का दूसरा लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव कराना किसी भागीरथ प्रयास से कम नहीं था। दूसरे चुनाव में सुकुमार सेन ने सरकार के 4.5 करोड़ रुपये बचाए। क्योंकि उन्होंने पहले चुनाव के 35 लाख बैलेट बॉक्स बचा कर रख लिए थे। सेन की सफलता का डंका विदेशों में भी बजा। 1953 में सूडान सरकार ने अपने पहले संसदीय चुनाव के लिए उन्हें निगरानी अधिकारी के तौर पर आमंत्रित किया था।

1954 में सेन को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
02 लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक कराए।
22 साल की उम्र में 1947 में आईसीएस बने थे।
26 साल की उम्र में 1951 में मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाला

05 महीने में हुए पहला चुनाव
देश का पहला लोकसभा चुनाव अक्तूबर 1951 से फरवरी 1952 के बीच पांच महीने में संपन्न हुआ था। उस समय लोकसभा की 489 सीटें हुआ करती थी। इसके साथ 4500 राज्य विधानसभा की सीटों पर भी चुनाव संपन्न कराए गए।


चुनाव चिन्ह का शुरुआत
पहला लोकसभा चुनाव वयस्क मताधिकार का पहला परीक्षण था। चूंकि उस समय में 15 फीसदी जनता ही शिक्षित थी इसलिए वे राजनीतिक दलों के नाम और अपने उम्मीदवार के नाम भी पढ नहीं सकते थे। तब चुनाव चिन्ह को प्रचलन में लाया गया। चुनाव चिन्ह को अनपढ़ लोग भी पहचान सकते थे। तब कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह था दो बैलों की जोड़ी। मजेदार बात है कि हाथ तो आजकल कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह है तब यह ऑल इंडिया फार्वार्ड ब्लॉक (रुइकर समूह) का चुनाव चिन्ह हुआ करता था। जबकि सोशलिस्ट पार्टी का चुनाव चिन्ह था पेड़। भारतीय जनसंघ का चुनाव चिन्ह हुआ करता था दीपक।
पहला चुनाव परिणाम
364 सीटें जीतकर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई
45 फीसदी वोट कांग्रेस को मिले थे कुल पड़े मतों का
44.87 फीसदी मतदाताओं ने हिस्सा लिया चुनाव में
1952 में 17 अप्रैल को नई लोकसभा का गठन हुआ।
26 भारतीय राज्यों में चुनाव कराए गए थे।
4500 विधानसभा की सीटों पर भी चुनाव कराए गए।
677 बैठकें हुईं पहली लोकसभा में जो अब तक सर्वाधिक है।


06 प्रमुख दलों ने हिस्सा लिया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
किसान मजदूर प्रजा पार्टी (जेबी कृपलानी)
भारतीय जनसंघ ( श्यामाप्रसाद मुखर्जी)
रिपब्लिकन पार्टी ( डॉक्टर अंबेडकर )
सोशलिस्ट पार्टी ( जेपी, लोहिया )
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई)

कुछ इस तरह का था पहला चुनाव
5600 पीठासीन अधिकारी
2,24,000 मतदान केंद्र
16,500 क्लर्क छह माह के अनुबंध पर बहाल किए गए
20 लाख स्टील बॉक्स का इस्तेमाल किया गया।
2.26 लाख सहायकों की सेवाएं ली गई
2.24 लाख पुलिस बल तैनात किया गया।
3000 सिनेमाघरों में देश भर में लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने वाली फिल्में दिखाई गईं।
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