( महिला सांसद- 58 ) रानो एम शाइजा
नगालैंड ने लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंचने वाली पहली महिला सांसद थीं।
सन 1977 के चुनाव में उन्होंने नगालैंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस
पार्टी के उम्मीदवार होकिसे सीमा को पराजित किया था। रानो यूनाइटेड डेमोक्रेटिक
पार्टी की उम्मीदवार थीं। नगालैंड में शांति बहाली में उन्होंने काफी महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई। उन्हें नगालैंड में पूर्ण शराबबंदी कराने के लिए भी याद किया जाता
है।
पढाई के बाद टीचर की
नौकरी
नगालैंड में महिलाएं
भले ही मुखर हैं पर राजनीति में उनकी भागीदारी बिल्कुल नहीं रही है। शाइजा इसकी
अपवाद रहीं। शाइजा
का जन्म अंगामी नागा परिवार में नगालैंड के फेक जिले में 11 नवंबर 1928 को हुआ था। उनके पिता
सेविली इरालू पेशे से डॉक्टर थे। उनकी माता वितुलाई इरालू के भाई अंगामी जापू
फिजो नाग सेपरेटिस्ट मूवमेंट के संस्थापक थे। शाइजा की पढ़ाई सेंट मेरीज कॉलेज
शिलांग और कॉटेन कॉलेज गुवाहाटी में हुई। पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने स्कूल
टीचर के तौर पर नौकरी शुरू की।
19 महीने जेल मे रहीं
शाइजा 1970 के दशक में
शिक्षक की नौकरी छोड़कर नगा
आंदोलन में शामिल हो गईं। वे नगा नेशनल काउंसिल की वूमेन फेडरेशन की पहली
अध्यक्ष चुनीं गईं। इसके बाद वे यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी की पहली महिला
अध्यक्ष चुनीं गईं। नगा आंदोलन के दौरान 1960 के दशक में वे 19 महीने तक वे जेल में
भी रहीं। शाइजा ने लंगशिम
शाइजा से विवाह किया था। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। उनके पति लंगशिम शाइजा
की नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नगालैंड ( एनएससीएन) के लोगों ने 27 जनवरी 1990 को हत्या कर दी।
शांति समझौता कराने
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
शाइजा ने नगा शांति
समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आंदोलन के नेता अंगामी जाफू
फिजो और तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
शांति समझौते लिए उनकी भूमिका को याद किया जाता है। रानो शाइजा 1980 में भी
लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं, पर इस बार वे कांग्रेस उम्मीदवार से महज 5 हजार
मतों से पराजित हो गईं।
नगालैंड में पूर्ण
शराबबंदी कराई
सादगी भरा जीवन जीने
वाली शाइजा ने नगालैंड राज्य में पूर्ण शराबबंदी कराने में भी अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने नगा मदर्स एसोसिएशन की स्थापना की थी। उनकी संस्था ने राज्य में पूर्ण
शराबबंदी के लिए अवाज उठाई। उनके प्रयासों से ही नगालैंड पूर्ण शराबबंदी अधिनियम
1989 बना। राज्य में 29 मार्च 1990 को शराबबंदी लागू हो गई।
शाइजा अंगामी समुदाय
से आती थीं, पर
उन्होंने राज्य के दूसरे नगा समुदायो के साथ एकता बनाने की पूरी कोशिश की। शाइजा
नगालैंड की राजनीति में एकमात्र महिला चेहरा रहीं। पांच दशक में नगालैंड में कोई
महिला विधायक भी नहीं चुनी जा सकी। शाइजा का एक अप्रैल 2015 को 86 साल की उम्र
में कोहिमा में निधन हो गया।
सफरनामा
1928 मे 11 नवंबर को
जन्म हुआ
1971 में यूनाइटेड
डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनीं गईं
1977 में नगालैंड से लोकसभा का चुनाव जीता।
1980 का चुनाव मामूली
अंतर से हार गईं।
2015 में एक अप्रैल
को उनका निधन हो गया।
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Saturday, 11 May 2019
रानो एम शाइजा - नगालैंड की पहली महिला सांसद- राज्य में शराबबंदी कराई
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