( महिला सांसद - 72 ) मीनाक्षी नटराजन 15वीं
लोकसभा में मंदसौर से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर पहुंची। एक सांसद के
तौर पर उनका जीवन इतना सादगी भरा था कि उन्होंने अपने लिए अलग से बंगला लेने से
इनकार कर दिया। वे पांच साल कांग्रेस दफ्तर में एक कमरे में ही रहीं। कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की ख़ास
मीनाक्षी नटराजन का शुमार कांग्रेस की बड़े नेता के तौर पर होता है और वे कांग्रेस
की राष्ट्रीय नेता मानी जाती हैं।
उज्जैन में जन्म हुआ
दक्षिण भारतीय परिवार
से आने वाली मीनाक्षी का जन्म 23 जुलाई 1973 को हुआ। मीनाक्षी नटराजन का जन्म
बिड़ला ग्राम नागदा,उज्जैन
में हुआ था। उनके पिता का नाम ए.आर. नटराजन और माता का नाम श्रीमती
उमा नटराजन है। उनकी
स्कूली पढ़ाई यहीं हुई। उन्होंने जैव रसायन में स्नातक
किया एवं कानून में स्नातक की डिग्री देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से प्राप्त
की। मीनाक्षी ने विवाह नहीं किया है।
छात्र राजनीति से शुरुआत
छात्र जीवन मे कांग्रेस
के छात्र संगठन एनएसयूआई में शामिल होने के पश्चात उन्होंने राजनीति में हिस्सा
लेना प्रारम्भ किया। वे 1999 से 2002 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया की
अध्यक्ष रहीं। उन्होंने मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस में 2002-2005
के दौरान अध्यक्ष पद संभाला। बाद में 2008 में राहुल
गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव में चयनित किया गया।
2009 में मंदसौर से जीत
मीनाक्षी ने मंदसौर सीट
से 2009 के आम चुनाव पहली बार में ही अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के लक्ष्मीनारायण पांडे 30,000 से अधिक वोटों से हरा दिया। लक्ष्मी नारायण पांडे भाजपा के बड़े नेता
थे और 1971 से यहां से लगातार चुनाव जीतते हुए आ रहे थे। सांसद के तौर पर मीनाक्षी
कार्मिक, लोक शिकायत, कानून
और न्याय, महिलाओं के सशक्तिकरण समितिओं की सदस्य रहीं
हैं।
चुनाव हारने के बाद भी जन
संघर्ष
हालंकि 2014 में मंदसौर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के सुधीर गुप्ता ने सुश्री मीनाक्षी को 3,00,000 से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया।2014 लोकसभा चुनाव हारने के बाद मीनाक्षी मंदसौर में अधिक सक्रिय हो गईं।
उन्होंने मंदसौर में किसान आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें उनके उत्पादन और ऋण के छूट के लिए बेहतर कीमतों की मांग की गई।
मीनाक्षी 2019 में एक बार फिर मंदसौर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव
लड़ीं।
सफरनामा
1973 मे 23 जुलाई को
नागदा में जन्म हुआ।
2002 में वह मध्य
प्रदेश युवा कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं।
2008 में राहुल गांधी ने एआईसीसी
सचिव के रूप में उनका चयन किया था।
2009 में मंदसौर से
सांसद चुनीं गईं।
2014 में
मंदसौर से लोकसभा का चुनाव हार गईं।
2019 में मंदसौर से फिर चुनाव मैदान में।
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