Wednesday, 8 May 2019

सावित्री श्याम - पत्रकारिता से लोकसभा का सफर


( महिला सांसद - 55 ) सावित्री श्याम स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार थीं जो दो बार संसद में पहुंची। उन्होंने पहली बार उत्तर प्रदेश के आंवला क्षेत्र से 1967 में चौथी लोकसभा का चुनाव जीता। चौथे आम चुनाव से पहले परिसीमन के बाद आंवला लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था।

भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सेदारी
सावित्री श्याम का जन्म मुजफ्फरनगर में 2 मई 1918 को हुआ। ने एमए और एलएलबी तक पढ़ाई की। उनकी शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय में हुई। उनका विवाह श्याम सुंदर के साथ 1939 में हुआ। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा लिया था।
दो बार आंवला से जीतीं
आंवला लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने 1967 में उन्हें उतारा। यहां पर सावित्री श्याम ने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार बीआर सिंह को कड़े मुकाबले में हराया था। पांचवी लोकसभा के चुनाव में 1971 में उन्होंने एक बार फिर जनसंघ के ही ब्रजराज सिंह को ज्यादा मतों के अंतर से हराया। पर 1977 में जनता लहर में वे आंवला सीट से ही भारतीय लोकदल के उम्मीदवार से पराजित हो गईं।
कई साल तक पत्रकारिता
उन्होंने 1940 में बरेली से पत्रकारिता की शुरुआत की। वे 1940 से 1947 के दौरान हिंदुस्तान टाइम्स, नई दिल्ली, लीडर, इलाहाबाद, सर्चलाइट, पटना, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया और नेशनल हेराल्ड, लखनऊ जैसे समाचार पत्रों के लिए संवाददाता के तौर पर काम किया।  सावित्री 1955 से 1967 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य रहीं। इसके बाद उन्होंने केंद्र की राजनीति का रुख किया।
कई संस्थाओं से जुड़कर समाजसेवा
अपनी संसदीय पारी में वे लोक लेखा समिति,  खानपान सलाहकार समिति, मध्य रेलवे, टेलीफोन सलाहकार समिति, महिला शिक्षा की राष्ट्रीय परिषद और  केंद्रीय लघु बचत सलाहकार बोर्ड की सदस्य रहीं। सावित्री अपने जीवन काल में तमाम सामाजिक संगठनों में भी सक्रिय रहीं। वे भारत स्काउट्स एंड गाइड्स डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन, लखनऊ की अध्यक्ष,  भारतीय बाल कल्याण और अनुसंधान ब्यूरो की अध्यक्ष रहीं। वे भारत सेवक समाज और कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय न्यास से भी जुड़ी हुई थीं।
गोविंद वल्लभ पंत पर पुस्तक लिखी
सावित्री श्याम ने पंडित गोबिंद वल्लभ पंत का राजनीतिक जीवन नामक पुस्तक भी लिखी। खाली समय में उनका प्रिय शौक पुस्तकें पढ़ना था। शराबंदी और खादी के प्रचार के लिए भी उन्होंने काफी काम किया। उन्होंने दुनिया के कई देशों का दौरा किया था पर उनका दिल हमेशा बरेली में ही बसता था।
सफरनामा
1918 में 2 मई को मुजफ्फरनगर में जन्म हुआ।
1939 में उनका विवाह श्याम सुंदर के संग हुआ।
1955 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य बनीं।
1967 में आंवला से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता
1971 में आंवला से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता।
1977 में जनता लहर में आंवला से पराजित हो गईं।
------



No comments: