Wednesday 1 May 2019

शारदा मुखर्जी: पहले वायुसेना प्रमुख पत्नी दो बार रत्नागिरी से सांसद बनीं


( महिला सांसद - 48 ) शारदा मुखर्जी तीसरी और चौथी लोकसभा में महाराष्ट्र के रत्नागिरी से चुनाव जीत कर संसद में पहुंची। वे स्वतंत्र भारत के पहले वायुसेना प्रमुख सुब्रतो मुखर्जी की पत्नी थीं। शारदा मुखर्जी पंडित नेहरु की बहन विजयालक्ष्मी पंडित की भतीजी भी थीं। संसदीय पारी के बाद उन्होंने गुजरात और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर भी काम किया।

विजयलक्ष्मी पंडित की भतीजी
शारदा पंडित का जन्म 1919 में 24 फरवरी को गुजरात के राजकोट में एक मराठी परिवार में हुआ। उनके पिता प्रताप सीताराम पंडित थे। उनकी मां सरस्वती बाई पंडित फिल्म अभिनेत्री दुर्गा खोटे की बहन थीं। नेहरू जी की बहन विजयलक्ष्मी पंडित उनकी चाची थीं। शारदा की शिक्षा कैथेड्रल गर्ल हाईस्कूल मुंबईएलिफिंस्टन कॉलेज मुंबई और लॉ कॉलेज मुंबई में हुई। दूसरे विश्व युद्ध से पहले वायुसेना के अधिकारी सुब्रतो मुखर्जी से उन्होंने विवाह किया तो स्वतंत्र भारत के पहले एयरचीफ मार्शल बने। शारदा मुखर्जी अपने समय में ब्यूटी आइकोन मानी जाती थीं।
पति की मृत्यु के बाद राजनीति में
पति के वायुसेना में रहते हुए शारदा मुखर्जी समाजसेवा और चैरिटी की कई गतिविधियों में सक्रिय रहीं। वे भारतीय वायु सेना के चैरिटी एसोसिएशन की सदस्य रहीं। तब इंदिरा गांधी इस संगठन की अध्यक्ष थीं। वे योजना आयोग में रक्षा मामलों की अध्ययन टीम की सदस्य भी रहीं। टोकियो में 1960 में पति की मृत्यु के बाद वे शारदा मुखर्जी राजनीति में सक्रिय हुईं।
दो बार संसद में
कांग्रेस पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी लोकसभा से 1962 में टिकट दिया। यहां शारदा मुखर्जी ने अच्छी जीत दर्ज की। उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के अर्जुन विचारे को हराया था। वे 1967में एक बार फिर रत्नागिरी लोकसभा क्षेत्र से ही चुनीं गईं। इस बार उन्होंने जनसंघ के आरवी कालसेकर को हराया। रत्नागिरी का इलाका अलफांसो आम और काजू की खेती के लिए प्रसिद्ध है। सांसद के तौर पर नेशनल शिपिंग बोर्डरक्षा मामलों की सलाहकार समितिराष्ट्रीय लघु बचत योजना सलाहकार बोर्ड की सदस्य रहीं। उन्होंने इन बोर्ड में कई महत्वपूर्ण सलाह भी दिए।

आंध्र और गुजरात की राज्यपाल
1967 में कांग्रेस के विभाजन के बाद वे कांग्रेस ओ में चली गईं। बाद में उनका झुकाव जनता पार्टी की ओर हो गया। शारदा मुखर्जी 1977में देश में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 5 मई को आंध्र प्रदेश की राज्यपाल नियुक्त किया गया। एक साल बाद उनका तबादला गुजरात के राज्यपाल के तौर पर कर दिया गया। वे 1983तक गुजरात प्रदेश की राज्यपाल रहीं। दुनिया के कई देशों का दौरा कर चुकी शारदा मुखर्जी अखबारों में रक्षा मामलों पर लिखा करती थीं।
सफरनामा
1919 में 24 फरवरी को शारदा पंडित का जन्म गुजरात के राजकोट में हुआ।
1939 में सुब्रतो मुखर्जी के संग उनका विवाह हुआ।
1962 और 1967 में रत्नागिरी से लोकसभा का चुनाव जीता।
1977 में आंध्र प्रदेश की राज्यपाल नियुक्त की गईं।
1978 से 1983 तक गुजरात की राज्यपाल रहीं।
2007 में मुंबई में उनका निधन हो गया।


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