( महिला सांसद - 67 ) मध्य प्रदेश के इन्दौर
में ताई के नाम से लोकप्रिय सुमित्रा महाजन के नाम लगातार आठ बार चुनाव जीतने का
रिकॉर्ड है। सुमित्रा
महाजन अपने सरल और मृदुल स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। वे केंद्र सरकार में मंत्री
और लोकसभा की दूसरी महिला स्पीकर बनीं।
इंदौर में अपराजेय
सुमित्रा महाजन इंदौर
से भाजपा के टिकट पर लगातार वर्ष 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में चुनाव जीत कर लोकसभा में
पहुंची। पर 2019 का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा। वे संसदीय इतिहास में एकमात्र महिला
हैं लोकसभा का कोई भी चुनाव कभी नहीं हारीं। साल 2014 में सुमित्रा महाजन ने अपना आखिरी चुनाव साढ़े चार लाख से ज्यादा वोट के
अंतर से जीता था।
पीसी सेठी को हराया था
इंदौर विधानसभा
निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन विधान सभा चुनाव हार चुकीं सुमित्रा
महाजन को 1989 में भाजपा ने इंदौर लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में
उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को
पराजित किया। सेठी यहां से 1980 और 1984 का चुनाव यहां से जीता था। इसके बाद वे
इंदौर से कभी नहीं हारीं। सुमित्रा महाजन 1999 से 2004
तक वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में भी शामिल थीं। इस दौरान उन्हें
मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय का काम
संभाला था।
मराठी परिवार में जन्म
सुमित्रा साठे जन्म
महाराष्ट्र के चिपलूण में 12 अप्रैल 1943 को उषा और पुरुषोतम साठे के घर में हुआ।
उनका विवाह 29 जनवरी 1965 में इंदौर के जयंत महाजन के साथ हुआ। विवाह के बाद
उन्होंने इन्दौर के ही देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और एलएलबी की
शिक्षा प्राप्त की। इंदौर में करीब दो लाख मराठी समाज के लोग रहते हैं। उनके बीच
ही सुमित्रा महाजन ने सामाजिक जीवन शुरू किया।
रामकथा वाचन से शुरुआत
सुमित्रा रामकथा वाचिका
मैना ताई के संपर्क में आईं। बुजुर्ग हो चुकी मैना ताई ने जब राकथा करना बंद कर
दिया तो सुमित्रा उनकी जगह रामकथा वाचन करने लगीं। इसी दौरान में संघ की संस्था
राष्ट्र सेविका समिति और भगीनी मंडल से जुड़ीं। उन्होंने 1982 में इंदौर महापालिका में पहली
बार पार्षद का चुनाव जीता। वे 1985 में इंदौर की डिप्टी मेयर चुनीं गईं। इसके बाद
वे विधान सभा का चुनाव
लड़ीं पर शुरुआत के तीन विधानसभा के चुनाव नहीं जीत सकीं।
दूसरी महिला लोकसभा अध्यक्ष
एनडीए सरकार के बहुमत
में आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए सुमित्रा महाजन के नाम पर विचार किया गया।
वे 6 जून 2014 को निर्विरोध लोकसभा की अध्यक्ष चुनीं गईं। यह पहली बार भाजपा का
कोई सांसद लोकसभा का स्पीकर बना। स्पीकर के तौर पर पांच साल तक उन्होंने लोकसभा का
संचालन कुशलतापूर्वक किया। सभी दलों के नेता उनका सम्मान करते हैं।
सुमित्रा महाजन सोशल
मीडिया पर सक्रिय हैं। ट्विटर पर उनके 2.93 लाख फालोअर है। ज्यादातर वे हिंदी में
ट्वीट करती हैं।
सफरनामा
1943 में 12 अप्रैल को
महाराष्ट्र के चिपलूण में जन्म हुआ।
1965 में जयंत महाजन के
संग उनका विवाह हुआ।
1982 में पार्षद और
1985 में डिप्टी मेयर चुनीं गईं।
1989 में पहली बार
भाजपा के टिकट पर इंदौर से चुनाव जीता।
2014 में लोकसभा की
दूसरी महिला स्पीकर बनीं।
2019 मे लोकसभा का
चुनाव नहीं लड़ा।
2 comments:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 119वां जन्मदिवस - सुमित्रानंदन पंत जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
धन्यवाद
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