Friday, 3 May 2019

सरदारनी निर्लेप कौर - पेप्सू के पहले मुख्यमंत्री की बेटी पंजाब की पहली महिला सांसद

(महिला सांसद - 50 ) 


सरदारनी निर्लेप कौर 1967 में चौथी लोकसभा में अकाली दल से पंजाब के संगरुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद में पहुंची। वे अकाली दल से चुनाव जीतने वाली पहली महिला सांसद थीं। उनके पिता पेप्सू प्रांत के पहले मुख्यमंत्री थे।
पटियाला के शाही घराने में जन्म
निर्लेप कौर का जन्म पटियाला के शाही घराने में 11 अगस्त 1927 को हुआ था। वे सरदार ज्ञान सिंह रारेवाला की बेटी थीं। उनकी स्कूली शिक्षा सेक्रेड हार्ट कान्वेंट लाहौर में हुई। उनका विवाह सरदार राजदेव सिंह के संग 14 मार्च 1942 को हुआ। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं। उनके पिता ज्ञान सिंह रारेवाला पटियाला और इस्ट पंजाब स्टेट यूनियन ( पेप्सू) के पहले मुख्यमंत्री बने थे।
कांग्रेस से राजनीति शुरू की
निर्लेप कौर ने अपनी राजनीति कांग्रेस पार्टी के साथ शुरू की। पर उनकी कांग्रेस नेताओं से नहीं बनी और बाद में वे स्वतंत्र पार्टी में शामिल हो गईं। वे स्वतंत्र पार्टी के पंजाब प्रांत की सचिव बनाई गईं थी। स्वतंत्रता के बाद बनी इस पार्टी में ज्यादातर राजा महाराजा ही थे।
कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया
बाद में निर्लेप कौर अकाली दल संत फतेह सिंह गुट में शामिल हो गईं। वे 1967 के चुनाव में संगरुर से लोकसभा मैदान में उतरीं। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को 98 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। निर्लेप कौर और मोहिंदर कौर पंजाब से लोकसभा में पहुंचने वाली पहली महिला सांसद थीं।
एसजीपीसी का चुनाव लड़ा
निर्लेप कौर पहली महिला थीं जिन्होंने सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर (एसजीपीसी) के प्रबंधक का चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। उन्होंने 1980 में पंजाब के पायल से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। पर वे कांग्रेस के बड़े नेता बेअंत सिंह से पराजित हो गईं।
खेती किसानी में रूचि
राजघराने से आने के बावजूद निर्लेप कौर की खेती किसानी जैसे विषयों में हमेशा रुचि रही। वे पंजाब युवक कृषक समाज की छह साल तक सचिव रहीं। वे भारत युवक समाज की पंजाब शाखा की छह साल तक सचिव रहीं। वे पटियाला की माता साहिब कौर विद्यालय की अध्यक्ष भी रहीं।
संगीत और खेलों से लगाव
निर्लेप कौर ने साठ के दशक में चंडीगढ़ के सेक्टर 4 में अपना शानदार आवास बनवाया। इसका डिजाइन 1961 में फ्रेंच वास्तुकार पियरे जेनेरे ने किया था। उनके घर में चंडीगढ़ शहर का पहला स्विमिंग पुल बना था। उनकी आंतरिक सज्जा में रुचि रही। उनकी रुचि अध्ययन, शास्त्रीय संगीत के अलावा भारतीय और पाश्चात्य संगीत सुनने में भी रही। खेलों में उनकी पसंद गोल्फ और टेनिस रही। वे चंडीगढ़ क्लब, दिल्ली गोल्फ क्लब और जिमखाना क्लब की भी सदस्य रहीं। उन्होने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, नार्वे, इटली, डेनमार्क, लेबनान, हांगकांग जैसे देशों का दौरा भी किया।
सफरनामा
1927 में 11 अगस्त को पटियाला में उनका जन्म हुआ।
1942 में 14 मार्च को सरदार राजदेव सिंह के संग विवाह हुआ।
1967 में संगरूर से लोकसभा का चुनाव जीता।
1980 में पंजाब में विधानसभा का चुनाव लड़ा पर जीत नहीं मिली।
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