Friday, 24 May 2019

बिभा रानी गोस्वामी - चार बार लगातार लोकसभा में पहुंची


( महिला सांसद - 71 ) बिभा रानी गोस्वामी पश्चिम बंगाल में वामपंथ से जुडे महिला नेत्रियों में प्रमुख नाम रहा। दलित समाज से आने वाली बिभा रानी नबाद्वीप लोक सभा से चुनाव जीत कर चार बार संसद में पहुंचीं। उन्होंने पहली बार 1971 में पांचवी लोकसभा का चुनाव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर जीता।
कई समितियों की सदस्य
बिभा रानी 1971 के बाद वे 1977 में छठी लोकभा में भी जीत कर पहुंची। सातंवी लोकभा में 1980 में भी उन्होने जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने 1984 में आठवीं लोकसभा का चुनाव भी यहीं से जीता। सांसद के तौर पर वे शिक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य रहीं। वे 1981 में बनी हिंदू मैरिज एक्ट की संयुक्त समिति की भी सदस्य रहीं।
बांग्लादेश के जेसोर में जन्म
बिभा रानी गोस्वामी का जन्म 12 जनवरी 1934 को पश्चिम बंगाल के जेसोर के हिदिया ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम  बनमाली गोस्वामी और माता का नाम सौदामिनी था। उनकी शुरुआती शिक्षा एमएसटीपी गर्ल्स हाई स्कूल जेसोर में हुई। इसके बाद ब्रह्म बालिका शिक्षालय कोलकाता और लेडी बार्बन कालेज कोलकाता में उनकी शिक्षा हुई। उन्होंने कृष्णानगर गवर्नमेंट कॉलेज और यूनीवर्सिटी कालेज और टीचर एजुकेशन में शिक्षण प्रशिक्षण की ट्रेनिंग पाई थी। उन्होंने बीए आनर्स तक की शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद उन्होने शिक्षक प्रशिक्षण के लिए बीटी भी किया था।
महिला संगठनों से राजनीति शुरू की
पढ़ाई के बाद उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया। अपनी राजनीतिक पारी उन्होंने नादिया जिले की वेस्ट बेंगाल डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन के साथ शुरू की। वे ऑल बंगाल टीचर्स एसोसिएशन में भी शिक्षकों के मुद्दों को लेकर सक्रिय रहीं। वे 1974 से 1979 तक वेस्ट बेंगाल डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट रहीं। वे 1981 में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की कार्यकारी समिति की सदस्य चुनीं गईं। बिभा रानी पश्चिम बंगाल स्टेट एडवाइजरी कमेटी की  सदस्य रहीं। 
रविंद्र संगीत में गहरी रुचि
सन 1950 में संतोष कुमार घोष के साथ विवाह करने के बाद उनके नाम में घोष जुड़ गया। उनके तीन बेटे और तीन बेटियां हुईं। उन्हें राजनीति से इतर संगीत से काफी लगाव रहा। खास तौर पर उन्हें रविंद्र संगीत काफी पसंद रहा। शिक्षा और इतिहास उनकी रूचि के विषय रहे। संसदीय पारी के बाद वे नादिया जिले के बदकुला के सुरभिस्तान ग्राम में रहने लगीं।
सफरनामा
1934 में 12 जनवरी को जैसोर (बांगलादेश) में जन्म हुआ। 
1950 में संतोष कुमार घोष के साथ विवाह हुआ।
1962 में शिक्षक संघ की राजनीति में सक्रिय हुईं।
1971 में पहली बार नबादीप से लोकसभा की सदस्य चुनीं गईं।
1977, 1980 और 1984 में भी लोकसभा का चुनाव जीता।


2 comments:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 123वीं जयंती - करतार सिंह सराभा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Hayward Window Tinting said...

Thank you for taking the time to share this with us