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पनसुकरा में अपराजेय रहीं
गीता मुखर्जी ने 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 का लोकसभा चुनाव भी मिदनापुर
जिले की पनसुकरा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर जीता।
इससे पहले गीता मुखर्जी पश्चिम बंगाल की विधानसभा में रह चुकी थीं। वे पहली बार
1967 में पनसुकरा पूर्व से विधायक चुनीं गई। फिर 1972 में भी पश्चिम बंगाल
विधानसभा के लिए चुनीं गईं।
स्वतंत्रता आंदोलन में जेल गईं
गीता मुखर्जी का जन्म 8 जनवरी 1924 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने
बांग्ला साहित्य में स्नातक की पढ़ाई आशुतोष कॉलेज कोलकाता से की। सन 1942 में
उनका विवाह वामपंथी नेता विश्वनाथ मुखर्जी के संग हुआ। वे स्वतंत्रता आंदोलन के
दौरान और उसके बाद भी कई बार जेल गईं।
15 साल की उम्र में छात्र राजनीति में
गीता महज 15 साल की उम्र में आशुतोष कॉलेज कोलकाता में अध्ययन के
दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन में
सक्रिय हो गईं थी। वे बंगाल प्रांत छात्र संगठन की 1947 से 1951 तक सचिव रहीं। वे 1946
में सीपीआई की राज्य समिति की सदस्य बन गई थीं। 1981 के बाद वे लगातार सीपीआई की
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं।
कई पुस्तकें लिखी
गीता मुखर्जी की साहित्य में काफी रूचि थी। उन्होंने बांग्ला में
भारत उपकथा, छोटोदेर
रविंद्रनाथ और हे अतिथि कथा कहो जैसी पुस्तकों की रचना की।उन्होंने कुछ पुस्तकों
का अंग्रेजी से बांग्ला में अनुवाद भी किया। गीता
मुखर्जी अपने जीवन के आखिरी क्षण तक संसद के अंदर और बाहर सक्रिय रहीं। सन 2000
में 4 मार्च को 76 साल की उम्र में जब वे एक कार्यक्रम में अलीगढ़ जाने की तैयारी
कर रही थीं, उनका नई दिल्ली में निधन हो गया।
संसद में महिला आरक्षण की हिमायत
महिलाओं को संसद और राज्य के विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिए
जाने वाले विधेयक के लिए वे सक्रियता से हिमायत करती रहीं। इस बिल के लिए बनी
संयुक्त संसदीय समिति की वे चेयरपर्सन थीं। इस बिल को लेकर उनकासमर्पण इतना ज्यादा था कि ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने गुजराल सरकार में मंत्री पदसिर्फ इसीलिए ठुकरा दिया कि वह बिल पर पूरा फोकस करना चाहती थीं। सांसद बनने के दौरान वे
कई संसदीय समितियों से जुडी रहीं। वे नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन की उपाध्यक्ष
और अध्यक्ष रहीं। वे वूमेन इंटरनेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन बर्लिन की सदस्य रहीं।
सफरनामा
1924 मे 8 जनवरी को उनका जन्म हुआ।
1967 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता।
1980 में बंगाल के पनसुकरा से लोकसभा का चुनाव जीता।
1999 में सातवीं बार पनसुकरा से लोकसभा का चुनाव जीता।
2000 में 4 मार्च को नई दिल्ली
में निधन हो गया।
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