( महिला सांसद - 75 ) बहुजन समाज पार्टी की
राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार लोकसभा और राज्यसभा
की सदस्य भी रह चुकी हैं। लोग
सम्मान में इन्हें बहन जी कह कर पुकारते हैं। माया पहली बार 1989 में बिजनौर से
बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। सन 1989 में
उन्होंने बिजनौर में जनता दल के मंगलराम प्रेमी को हराया था। उन्होंने 2004 में
अकबरपुर से लोकसभा का चुनाव जीता।
चार साल स्कूल में पढ़ाया
मायवती ने 1975 में
कालिंदी कॉलेज, दिल्ली
विश्वविद्यालय से बीए किया। उन्होंने 1976 में बीएड की डिग्री ली। उन्होंने 1983
में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। प्रारम्भ मायावती ने दिल्ली के एक स्कूल
में चार साल शिक्षण कार्य किया। किसी समय उन्होंने भारतीय
प्रशासनिक सेवा की परीक्षाओं के लिए अध्ययन भी किया था।
कांशीराम राजनीति में लेकर
आए
सन 1977 में कांशीराम के सम्पर्क में आने के बाद उन्होंने एक पूर्ण कालिक
राजनीतिज्ञ बनने का निर्णय ले लिया। तब वे आईएएस की तैयारी कर रही थीं, पर कांशीराम की प्रेरणा से राजनीति में कदम रखा। पहले वे बामसेफ फिर
डीएसफोर में सक्रिय हुईं। मायावती कांशीराम के संरक्षण के अन्तर्गत वे उस समय उनकी
कोर टीम का हिस्सा रहीं, जब सन 1984 में बसपा की स्थापना हुई थी।
कैराना और हरिद्वार में हार
मिली
वे 1984 में कैराना से
लोकसभा का चुनाव स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लड़ी और 44 हजार मत पाकर तीसरे स्थान पर रहीं।
वे 1985में बिजनौर लोकसभा से उपचुनाव में कूदीं, तो 63 हजार वोट मिले। इसके बाद वे 1987 में हरिद्वार से लोकसभा उपचुनाव लड़ीं पर यहां भी जीत
नहीं मिली। यहां उन्हें 1.25 लाख मत मिले। यहां मायावती दूसरे स्थान पर रहीं। यहां
तब रामविलास पासवान भी लड़ रहे थे, वे 34 हजार मतों के साथ
चौथे स्थान पर रहे।
सन 1995 में यूपी की
मुख्यमंत्री
मायावती कुल चार बार
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। वे पहली बार 1995 में देश के सबसे बड़े राज्य
की मुख्यमंत्री रहीं। वे 1997 और 2002 में थोड़े समय के लिए राज्य की मुख्यमंत्री
बनीं। वे तीसरी बार 2007 में राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। इस बार उनका कार्यकाल पूरे
पांच साल का रहा। इस दौरान उन्होंने नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस वे का निर्माण
कराया। उन्होने लखनऊ और आगरा में विशाल पार्कों का भी निर्माण कराया।
दलित परिवार में जन्म
मायावती का नाम देश के
जाने माने दलित नेताओं में शुमार होता है। उनका जन्म एक हिंदू जाटव (दलित) परिवार
में हुआ। उनका मूल नाम चंद्रावती है, इसी नाम से उनकी पढ़ाई
लिखाई हुई। कांशीराम के संपर्क में आने पर उनका नाम मायावती रखा गया। उनके पिता
प्रभु दास एक डाकघर कर्मचारी थे। वे डाक-तार विभाग के
अनुभाग प्रधान के पद से सेवानिवृत्त हुए। मायावती के छह भाई और दो बहनें हैं।
मायावती का परिवार ग्राम बादलपुर जिला गौतमबुद्ध नगर
उत्तर प्रदेश के रहने वाला था। मायावती किसी समय अपने बूते पर दिल्ली में दूध की
डेयरी चलाकर परिवार की मदद करती थीं।
उनके जीवन पर कई
पुस्तकें आ चुकी हैं। साल 2009 में अजय बोस ने बहन जी द बायोग्राफी ऑफ मायावती
नामक पुस्तक लिखी।
सफरनामा
1956 में 15 जनवरी को
उनका जन्म यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले में हुआ।
1984 में शिक्षक की
नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल हो गईं।
1989 में बिजनौर लोकसभा
(सु ) उत्तर प्रदेश से संसद सदस्य निर्वाचित।
1994 में राज्यसभा की सदस्य
चुनीं गईं।
1995 में उत्तर प्रदेश
की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री बनीं।
1997 दूसरी बार यूपी की
सीएम बनीं।
2002 में भाजपा के
समर्थन से यूपी की मुख्यमंत्री बनीं।
2001 में वे बहुजन समाज
पार्टी की अध्यक्ष बनीं।
2004 में अकबरपुर से
लोकसभा का चुनाव जीता।
2007 में बसपा के पूर्ण
बहुमत से यूपी की सीएम बनीं।
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