Friday 17 May 2019

भगवती देवी: पत्थर तोड़ने वाली महादलित महिला बनी सांसद


(महिला सांसद :64)
ग्यारहवीं लोकसभा में 1996 में गया से चुनाव जीत कर संसद में पहुंचने वाली भगवती देवी की कहानी बाकी सांसदों से काफी अलग है। एक पत्थर तोड़ने वाली महादलित महिला संसद में पहुंच गई। न सिर्फ वह सांसद बनीं बल्कि अपने संसदीय जीवन में महिलाओं अधिकारों की आवाज बनीं। लोकसभा विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए आवाज भी उठाई।
गया से जीता चुनाव
लालू प्रसाद की पार्टी जनता दल ने 1996  में गया (सुरक्षित) सीट से भगवती देवी को लोकसभा की जंग में उतारा। भगवती देवी यहां से जीतकर दिल्ली पहुंच गईं। तब उन्होंने भाजपा के कृष्ण कुमार चौधरी को हराया था। हालांकि1998 में हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल उम्मीदवार भगवती देवी को पराजित कर दिया।
1969 में पहली बार विधायक
पत्थर  तोड़कर अपने परिवार का पालन करनेवाली महिला भागवती देवी इससे पहले1969 में बिहार विधानसभा का चुनाव जीत चुकी थीं। पर उन्हें राजनीतिक में लाने का श्रेय दो समाजवादी नेताओं को जाता है। सन 1968में बाराचट्टी की रहनेवाली भागवती देवी जीविकोपार्जन के लिए गया शहर के पास  सड़क पर पत्थर तोड़ रही थीं। भागवती पत्थर तोड़नेवाली अन्य महिलाओं से अपने अधिकारों पर बातें कर रही थींउसे सुन सोशलिस्ट नेता उपेंद्र नाथ वर्मा जी रुक गए। वर्मा ने भागवती के बारे में राम मनोहर लोहिया को बताया। लोहिया जी ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उन्हें टिकट दिया और वे 1969 में बाराचट्टी से जीत कर विधानसभा में पहुंच गईं। वे 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर भी विधानसभा का चुनाव जीतीं।
एक बार फिर राजनीति में
अस्सी के दशक में भगवती एक बार फिर राजनीति से दूर चलीं गई थीं। पर 1995 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने फिर भागवती देवी को बुलाकर टिकट दिया और वह राजद के टिकट पर फिर विधायक बनीं। एक साल बाद जनता दल ने उन्हें लोकसभा गया से लोकसभा की जंग में उतार दिया। कई बार चुनाव जीतने के बाद भी भागवती में कोई गुमान नहीं था। वे बिल्कुल सादगी भरा जीवन जीती थीं।
धरती की बेटी
भगवती देवी के जीवन पर एक पुस्तक आई है धरती की बेटी जिसे राम प्यारे सिंह ने लिखा है। खाली समय में वे सत्संग में हिस्सा लेती थीं। उनकी तीन बेटियां और एक पुत्र हैं। भागवती के बेटे विजय मांझी भी राजनीति में हैं। उनकी बेटी समता देवी 1998 के उप चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में विधायक बनीं।
सफरनामा
1936 में 6 नवंबर को मिथैया ग्राम में जन्म हुआ।
1969 में पहली बार विधायक चुनीं गईं।
1977 में जनता पार्टी के टिकट पर विधायक बनीं
1995 में राजद के टिकट पर विधायक बनीं।
1996 में गया लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनीं गईं।

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