Saturday, 4 May 2019

पद्मावती देवी -विश्वविद्यालय के लिए महल दान कर दिया


(महिला सांसद- 51 ) छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से सांसद की दहलीज तक पहुंचने वाली एकमात्र महिला रानी पद्मावती सिंह रहीं। उन्होंने 1967 में चौथी लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। वे खैरागढ़ राजपरिवार की रानी थीं। वे छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की संस्थापक थीं।

लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज की
पद्मावती सिंह ने 1967 की लोकसभा में जीत हासिल कर इतिहास रचा। इस चुनाव में उन्हें 1 लाख 32 हजार 444 वोट मिले थेजबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे भाकपा के पी राय को मात्र 46004 मत मिले। पर 1971 में कांग्रेस ने पद्मावती सिंह का टिकट काट दिया। इस पर पद्मावती ने एनसीओ के टिकट पर चुनाव लड़ालेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

एशिया के पहले संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना
रानी पद्मावती देवी ने बेटी राजकुमारी इंदिरा के नाम अपना महल कमल विलास पैलेस दान कर दिया। इसी महल में मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल के सहयोग से एशिया के प्रथम संगीत विश्वविद्यालय के रुप में पहचान रखने वाले इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। 14 अक्तूबर 1956 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया। यह संस्कृति के प्रति उनका गहरा लगाव दर्शाता है।

प्रतापगढ़ के राजा की बेटी
पद्मावती सिंह का जन्म 1918 में प्रतापगढ़ (उत्तरप्रदेश) में हुआ। वे प्रतापगढ़ के राजा प्रताप बहादुर सिंह की छोटी बेटी थीं। उनकी शिक्षा घर में ही हुई। सोलह वर्ष की उम्र में उनका विवाह खैरागढ़ के राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह के संग हुआ। पद्मावती खैरागढ़ में आरंभ से ही समाज सेवा में रुचि लेने लगीं।

नारी शिक्षा के लिए काम
महारानी ने लड़कियों को पढ़ाने के लिए राज भवन में पद्मावती पुस्तकालय की स्थापना करवाई। खैरागढ़ का 'राजा लाल बहादुर क्लब'सप्ताह में एक दिन महिलाओं के लिए आरक्षित था। उस क्लब में उनके लिए बैडमिंटनकैरम,सिलाई-बुनाईसंगीत की व्यवस्था रहती थी। उन्होंने लड़कियों को घुड़सवारी और बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिलाया। गरीब छात्रों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति का इंतजाम कराया। नारी शिक्षा के लिए उन्होंने साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की मदद ली।

प्रदेश की पहली महिला मंत्री
जवाहरलाल नेहरु और मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री रविशंकर शुक्ल ने 1948 में पद्मावती देवी को राजनीति में आने के लिए उत्साहित किया। वे मध्यप्रदेश शासन की जनपद सभा खैरागढ़ की प्रथम अध्यक्ष मनोनीत की गईं। पद्मावती देवी मध्य प्रदेश की पहली महिला मंत्री थीं। वे 1952 से 1967 तक विधान सभा की सदस्य रहीं। वे 1956 से 1967 तक मध्यप्रदेश शासन के लोकस्वास्थ्यसमाज कल्याणयांत्रिकी और नगर निकाय आदि विभागों में मन्त्री रहीं। वे इतनी लोकप्रिय थीं कि 1957 के विधान सभा चुनाव में वे वीरेन्द्र नगर से निर्विरोध चुनीं गईं।

कई भाषाओं की जानकार
पद्मावती देवी को हिन्दीउर्दूअंग्रेजीनेपाली और छत्तीसगढ़ी भाषाओं में पारंगतता थी। बाद में वे छत्तीसगढ़ी बोलने लगी थीं। वे भारत के हर प्रान्त के अलावा अमेरिकारुसजर्मनीफ्रान्स,ब्रिटेनजापान का भ्रमण कर चुकी थीं। वे बहुत से विश्वविद्यालयों की आजीवन सदस्य रहीं। वे लेडी इर्विन कॉलेज (नई दिल्ली)भारतीय महिला कान्फ्रेन्स की भी सदस्य रहीं। महारानी पद्मावती देवी का 1987 में 12 अप्रैल को निधन हो गया।

सफरनामा
1918 मे 17 जुलाई को यूपी के प्रतापगढ़ में जन्म हुआ
1934 में राजा बहादुर वीरेंद्र सिंह से उनका विवाह हुआ।
1952 में राज्य विधान सभा की सदस्य चुनीं गईं।
1956 में मध्य प्रदेश शासन में मंत्री बनीं।
1967 में राजनांदगांव से लोकसभा का चुनाव जीता।
1987 में 12 अप्रैल को उनका निधन हो गया।
 - vidyutp@gmai.com 

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