Monday 27 May 2019

उमा भारती संन्यासी जिन्होंने छह बार लोकसभा का चुनाव जीता

(महिला सांसद :74) उमा भारती मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से कुल छह बार लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। वे 2014 में मोदी सरकार में जल संसाधन मंत्री बनाई गईं। साल 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने झांसी से जीता था। उन्होंने 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। उमा मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है। उन्हें राजनीति में उभारने का श्रेय ग्वालियर की महारानी विजयराजे सिंधिया को जाता है। राम जन्मभूमि आन्दोलन में भी उन्होंने साध्वी ऋतंभरा के साथ प्रमुख भूमिका निभाई।

खजुराहो से पहली जीत
उमा कुल छह बार लोकसभा में पहुंची। उन्होंने 1984 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ापरन्तु जीत नहीं मिल सकी। वे 1989 के लोकसभा चुनाव में खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। इसके बाद वे 199119961998 में भी इसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। साल 1999 में वह भोपाल सीट से सांसद चुनी गई, जबकि 2014 का चुनाव यूपी के झांसी से जीता।
केंद्र सरकार में मंत्री
उमा भारती ने 1999 में बनी वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन विकासपर्यटनयुवा मामले एवं खेल मामले की मंत्री का काम संभाला। बाद में उन्होंने अटल सरकार में कोयला और खदान जैसे विभिन्न राज्य स्तरीय और कैबिनेट स्तर के मंत्री के तौर पर काम किया। साल 2014 में वे मोदी कैबिनेट में एक बार फिर केंद्र सरकार में मंत्री बनीं। गंगा संरक्षण से उनका खास लगाव है।
मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री
साल 2003 के चुनाव में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा ने मध्य प्रदेश में 166 सीटो पर शानदार जीत दर्ज की। वे 2003 में 8दिसंबर को राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। पर 23 अगस्त 2004 उन्होंने राजनीति में उच्च मूल्यों का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दियाजब उनके खिलाफ 1994 के हुबली दंगों के सम्बन्ध में उनके लिए गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। कुछ महीने बाद ही वे इस केस से बरी हो गईं पर उन्होंने पार्टी ने मुख्यमंत्री का पद वापस नहीं किया। इससे वे पार्टी से नाराज रहने लगीं।
भाजपा ने निष्कासन और वापसी
उमा भारती को नवंबर 2004 में सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने लालकृष्ण आडवाणी की आलोचना करने के कारण पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग राजनीतिक पार्टी भारतीय जन शक्ति पार्टी बनाई। सात साल भाजपा से अलग रहने के बाद सात जून 2011 को उनकी पार्टी में दोबारा वापसी हो गई। उमा भारती साल 2012 में यूपी के चरखारी से भाजपा के टिकट पर विधायक चुनीं गईं।

टीकमगढ़ में जन्म और संन्यास
उमा भारती का जन्म मई 1959 मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके टीकमगढ़ में लोधी राजपूत परिवार में हुआ। उनकी औपचारिक शिक्षा छठी कक्षा तक ही हुई। पर वह बचपन से ही निडर और बेबाक थीं। कम उम्र में ही उन्होंने आध्यात्म की दीक्षा ली और संन्यासी जीवन अपना लिया। 
उन्होने 16 नवंबर 1992 को गुरू श्री विश्वेशतीर्थ स्वामी (श्रीकृष्ण मठउडुपीकर्नाटक) से संन्यास की दीक्षा ली। युवा अवस्था में भाजपा के संगठन में सक्रिय होने के बाद 1988 में मध्य प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष पद पर पहुंचीं। साल 2018 में उन्होंने ऐलान किया कि अब चुनाव नहीं लडूंगी पर पार्टी के लिए काम करती रहूंगी।
सफरनामा
1959 में 3 मई को उमा का जन्म मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में हुआ।
1989 में पहली बार खुजराहो से लोकसभा का चुनाव जीता।
2003 में मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
2004 में भाजपा से बाहर हुईं, 2011 में दुबारा वापसी हुई।
2014 में झांसी से लोकसभा का चुनाव जीता।

2 comments:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन तीसरा शहादत दिवस - हवलदार हंगपन दादा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Vidyut Prakash Maurya said...

धन्यवाद