Thursday 11 April 2019

ज्योत्सना चंदा- कछार क्षेत्र के बांग्लाभाषियों की आवाज


(महिला सांसद 29 ) ज्योत्सना चंदा असम के कछार से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1962 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। उन्होंने 1967 और 1971 में दूसरी और तीसरी बार भी लोकसभा का चुनाव जीता। वे कछार क्षेत्र के बांग्ला भाषी लोगों की आवाज बनीं। जब तक जीवित रहीं कछार में वे अपराजेय रहीं।

पति की मृत्यु के बाद समाजसेवा
ज्योत्सना का जन्म 28 मार्च 1904 को असम के सिलचर में शहर में महेशचंद्र दत्त के परिवार में हुआ। उनकी स्कूली पढ़ाई मिशन गर्ल्स स्कूल सिलचर में हुई। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई कोलकाता के डायोकेशन कॉलेज में आकर की। सन 1927 में उनका विवाह स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानी अरुण कुमार चंदा के साथ हुआ। वे बंगाली हिंदूओं के बड़े नेता थे। पति की मृत्यु के बाद ज्योत्सना चंदा ने पति की विरासत को आगे बढ़ाया।
जेल विजिटर के रूप में
ज्योत्सना चंदा 1931-32 में सिलचर में जेल विजिटर के रूप में नियुक्त की गईं। वे असम की पहली महिला जेल विजिटर थीं। इसके अलावा उन्होंने सिलचर में कई संस्थाओं की अध्यक्षता की। वे सिलचर स्कूल बोर्ड, सिलचर जिला सोशल वेलफेयर एडवाइजरी बोर्ड, एनएफ रेलवे इंप्लाइज यूनियन और टी इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। 
बांग्लाभाषियों का नेतृत्व
ज्योत्सना 1960 में असम के बांग्लाभाषी लोगों के संगठन की पहली अध्यक्ष चुनी गईं। उन्होंने कछार क्षेत्र में बांग्लाभाषियों के आंदोलन की अगुवाई की। इसके अलावा वे असम स्टेट टेक्सबुक कमेटी, असम स्टेट एडवाइजरी बोर्ड फॉर सोशल एजुकेशन जैसी संस्थाओं से सक्रियता से जुड़ी थीं। वे असम प्रदेश महिला शिक्षा सलाहकार समिति में भी पदाधिकारी थीं। वे गुवाहाटी यूनीवर्सिटी कोर्ट और सिलचर म्युनिसपल बोर्ड की भी सदस्य थीं।

1957 में पहली बार विधानसभा में
ज्योत्सना पहली बार 1957 में सिलचर पश्चिम से चुनाव जीतकर असम विधानसभा में पहुंची। इससे पहले वे 1951 में विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सकीं थीं। पर उन्होंने 1961 में 19 मई को सिलचर में भाषा सत्याग्रहियों पर पुलिस गोलीबारी के खिलाफ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने अगले साल लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
कलाकृतियां संग्रह का शौक
ज्योत्सना असम के कछार क्षेत्र के हर शैक्षिक और सामाज कल्याण संगठन के साथ जुड़ी हुई थीं। वे सिलचर के बीटी कॉलेज के प्रबंधन समिति की अध्यक्ष भी रहीं। ज्योत्सना जी को कलाकृतियों का संग्रह करने और रसोई में नए नए व्यंजन बनाने का शौक था। कई देशों की यात्रा कर चुकी ज्योत्सना सिलचर के चंदा भवन में आखिरी दिनों में रहती थीं।

-    सफरनामा -
1904 में 28 मार्च को जन्म हुआ।
1927 में अशोक कुमार चंदा के साथ विवाह हुआ।
1957 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता।
1962 में तीसरी लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद में पहुंची
1967 में दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता
1971 में सांसद रहते हुए निधन हो गया।


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