(महिला सांसद - 31 ) जमुना देवी मध्य प्रदेश
की सबसे पुरानी महिला सांसदों में एक थीं। उनका पूरा जीवन आदिम जाति और आदिवासियों
के कल्याण के लिए समर्पित रहा। वे 1962 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर तीसरी
लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। वह राज्य के झाबुआ क्षेत्र लोकसभा सदस्य
के रूप में चुनी गईं। वह 1978 से 1981 तक संसद के उच्च सदन राज्य सभा की
सदस्य भी रहीं। मध्य प्रदेश की राजनीति में सभी दलों के नेता उन्हें बुआजी कहते
थे।
छह बार विधायक
जमुना देवी स्वतंत्रता
के बाद मध्य भारत राज्य की पहली विधानसभा की 1952 से 1957 तक सदस्य रहीं। इसके बाद
वे मध्य प्रदेश में छह बार चुनाव जीत कर विधायक बनीं। वे मध्य प्रदेश शासन में
राज्यमंत्री, कैबिनेट
मंत्री के तौर पर आदिम जाति, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा
वर्ग कल्याण जैसे विभागों का दायित्व संभाला।
झाबुआ क्षेत्र की
लोकप्रिय नेता
उनका जन्म 19 नवंबर
1929 को मध्य प्रदेश के धार जिले के सरदारपुर में एक आदिवासी परिवार में हुआ था।
उनकी शिक्षा हाईस्कूल तक कैनेडियन मिशन स्कूल इंदौर में हुई। छोटी उम्र में ही वे
कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ कर सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गईं। उन्होंने मध्य
प्रदेश कांग्रेस के संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया।
मध्य प्रदेश की
उपमुख्यमंत्री
संसदीय पारी के बाद
जमुना देवी प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गईं। वे लंबे समय तक मध्य प्रदेश
विधानसभा की सदस्य रहीं। उन्होंने अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, श्यामाचरण
शुक्ला के मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर काम किया। दिग्विजय सिंह के
मंत्रीमंडल में वे कैबिनेट मंत्री बनाई गईं। वे 1998 में राज्य की उप मुख्यमंत्री
बनीं।
नेता प्रतिपक्ष के तौर
पर पारी
मध्य प्रदेश में जब
2003 में भाजपा की सरकार बनी तो जमुना देवी ने लंबे समय तक राज्य में नेता
प्रतिपक्ष के तौर पर काम किया। इस दौरान वे जनता से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से
उठाती रहीं। उनके निधन पर राज्य में तीन दिनों का शोक घोषित किया गया।
आदिम जाति कल्याण के
लिए समर्पित जीवन
उनकी जीवन आदिम जाति और
आदिवासी समाज के कल्याण के लिए समर्पित रहा। वे 1963-67 में आदिवासी
केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड की सदस्य रहीं। वे केन्द्रीय
समाज कल्याण बोर्ड, नई दिल्ली और अखिल भारतीय
आदिम जाति सेवा संघ की सदस्य रहीं। वे अखिल भारतीय आदिम जाति महिला सेवक संघ के
मप्र. इकाई की अध्यक्ष रहीं।
साल 2003 में जमुना देवी को संसदीय जीवन के पचास वर्ष पूर्ण करने पर संसदीय जीवन
सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें साल 2001 में भारत ज्योति सम्मान भी मिला। जमुना देवी
को राजनीति से इतर कृषि और बागवानी में रूचि थी।
सफरनामा
1929 में 19 नवंबर को
सरदारपुरा में उनका जन्म हुआ।
1962 में तीसरी लोकसभा
का चुनाव झाबुआ से जीता।
2003 में मध्य प्रदेश
में नेता प्रतिपक्ष बनीं।
2010 मे 24 सितंबर को
इंदौर में उनका निधन हुआ।
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